भूपेश ने भाजपा को पिछड़ा वर्ग विरोधी बताते हुए कहा कि, भाजपा पिछड़ों के खिलाफ जो फैसला करते बने करती है। इसका उदाहरण है कि सुप्रीम कोर्ट के कहने के बाद भी एसपी में ओबीसी को 27% आरक्षण लागू नहीं किया गया है। राष्टीय स्तर में इसकी लड़ाई लड़नी होगी। मध्यप्रदेश से इसकी शुरुआत करेंगे। छत्तीसगढ़ में आंदोलन होगा और इसका विस्तार देश भर में में किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में आरक्षण बिल पेंडिंग
भूपेश बघेल ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि, 2 दिसंबर 2022 को छत्तीसगढ़ के विधानसभा में सर्वसम्मति से पिछड़े वर्ग को 27% आरक्षण देने का फैसला पारित किया गया। इससे पहले 2 नवंबर को छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रम में राज्यपाल अनुसुइया उइके ने सार्वजनिक रूप से कहा और मुझे व्यक्तिगत रूप से कहा कि आप बिल पारित करिए मैं एक दिन भी इस बिल्कुल नहीं रोकूंगी।
विधानसभा से बिल पारित करने के 2 घंटे बाद मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्य राज भवन पहुंचे और राज्यपाल को बिल सौंपा गया। लेकिन उन्होंने अध्ययन करने की बात कही। लेकिन आज 2025 में भी वह अध्ययन हो रहा है। राजभवन में बिल पेंडिंग है। आज भाजपा का चेहरा बेनकाब हो गया है। ओबीसी के खिलाफ में जो फैसला करते बने वे करते हैं।
RSS अपना एजेंडा कई माध्यमों से समाज में फैलाती है
संविधान की प्रस्तावना से धर्मनिरपेक्ष-समाजवादी शब्द हटाने जैसे सब्जेक्ट पर सरकार डिबेट करना चाहती है। इस सवाल के जवाब में भूपेश बघेल ने कहा कि, RSS अपना एजेंडा अलग-अलग लोगों के माध्यम से समाज के बीच में छोड़ती है। ताकि डिबेट हो और उसके पक्ष में बाते हो, लेकिन उनके पक्ष की बात नहीं होती तो वे इन सब्जेक्ट से विड्रा कर लेते हैं।
भारत में विभिन्न जाति, समुदाय पंत के लोग निवास करते हैं। कोई एक जाति एक धर्म के लोग निवास नहीं करते। इसलिए समाजवाद जैसे शब्दों को डाला गया है। बधेल ने कहा कि, भाजपा अपने दोस्तों के हितों में फैसला करना चाहती है। 85% लोगों को 5 किलो राशन पर निर्भर करना चाहते हैं। यह इनका षड्यंत्र है। वरना ये सभी फैसले 2-3 मित्रों के हिसाब से करते हैं। समाज को बांटकर वोट लेने का काम करते हैं।
बिहार चुनाव के लिए भाजपा कर रही कवायद
बघेल ने कहा कि, भारतीय जनता पार्टी जितनी कवायद कर रही है, वह बिहार चुनाव को देखकर कर रही है। एक बार बिहार चुनाव के ठीक पहले मोहन भागवत ने बयान दिया था आरक्षण के संदर्भ में और उसका रिएक्शन यह हुआ कि बिहार में भाजपा का गठबंधन पूरी तरह से साफ हो गया।
अभी जो बयान है वह चुनाव को देखकर लिया गया है। बिहार की जनता संविधान को मानने वाली और राजनीतिक रूप से जागरूक है। इसका मुंहतोड़ जवाब आने वाले चुनाव में देंगे।