छत्तीसगढ़ के महासमुंद में शिक्षक फेडरेशन ने शनिवार को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने एक दिवसीय उपवास और धरना प्रदर्शन किया

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ के महासमुंद में शिक्षक फेडरेशन ने शनिवार को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने एक दिवसीय उपवास और धरना प्रदर्शन किया। शिक्षकों का आरोप है कि अधिकारी युक्तियुक्तकरण में भेदभाव कर रहे हैं।

प्रदर्शनकारी शिक्षक नारेबाजी करते हुए कलेक्टोरेट पहुंचे। उन्होंने नायाब तहसीलदार मोहित अमीला को राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

ब्लॉक अध्यक्ष बाबू लाल ध्रुव और अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि पहले भी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया था। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि अगर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो 5 जुलाई को लोहिया चौक से मुख्यमंत्री निवास तक पदयात्रा निकालेंगे।

शिक्षक बोले- अधिकारी मनमाने ढंग से निर्णय ले रहे

फेडरेशन का आरोप है कि महासमुंद विकासखंड में लंबे समय से अधिकारी मनमाने ढंग से निर्णय ले रहे हैं। इससे शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है। शिक्षक संगठन ने इस स्थिति में सुधार की मांग की है।

शिक्षकों ने कहा कि लापरवाह अफसरों ने युक्तियुक्तकरण में एक के बाद एक गलतियां की है। जिसके कारण अतिशेष न रहते हुए भी शिक्षकों को अतिशेष बनाया गया है। हद तो तब हो गई जब अफसर काउंसिलिंग प्रकिया के बाद अपने विवेक से बिना काउंसिलिंग पदस्थापना आदेश जारी किए है, जो कि युक्तियुक्तकरण और शासन की गाइड लाइन में दिए नियमों के खिलाफ है।

इस तरह से बहुत सी गलतियां युक्तियुक्तकरण में अफसरों की लापरवाही के चलते हुए हुई है, जिसका खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा हैं। उच्च कार्यालय से निर्देश मिलने के बाद भी जवाबदार अफसरों ने समय सीमा पूरी होने के बाद भी नियमितीकरण आदेश जारी नहीं किया।

जिसके कारण जूनियर रुक गए और सीनियर शिक्षक अतिशेष बनकर रह गए। ऐसे ही गलतियां करने वाले अफसरों का युक्तियुक्तकरण होना चाहिए, तभी शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा। ऐसे अफसर अगर पद में बने रहे तो आने वाले कुछ महीनों में स्कूलों की स्थिति पुरानी स्थिति में बदल जाएगी।