लॉकडाउन में महुआ शराब की बढ़ी तस्करी, चार दिन में 92 लीटर जब्त

Chhattisgarh Crimes

रायपुर. कोरोना महामारी को रोकने 25 दिनों से लागू लॉकडाउन में सरकारी शराब दुकान बंद होने से महुआ से बनी कच्ची शराब का अवैध कारोबार बढ़ गया है। आउटर से ग्रामीण इलाकों में मदिरा प्रेमियों को बेहद महंगे दाम परकच्ची शराब परोसी जा रही है। कच्ची शराब को बकायदा पानी पाउच में पैक कर बेचा जा रहा है। पानी के रंग से कच्ची शराब का मिलता-जुलता कलर होने से आसानी से पहचान भी नहीं हो पाती। बीते चार दिनों में सात कोचियों को पुलिस ने दबोचा है, जिनके पास से करीब 92 लीटर महुआ की कच्ची शराब जब्त की गई है। दरअसल बीते 10 अप्रैल से सरकारी शराब दुकानें बंद हैं। साथ ही पुलिस-प्रशासन कोरोना संक्रमण रोकने में जुटा है। इसका फायदा उठाकर कोचिए ओडिशा, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से शराब मंगाकर पांच गुना अधिक दाम में बेच रहे हैं।

पुलिस के मुताबिक शराब तस्कर कोचिए के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में शराब खपा रहे हैं। 100 एमएल शराब को पाउच में भरकर बेचते हैं। इसके लिए मदिरा प्रेमियों से मोटी रकम वसूली जा रही है। प्रत्येक पाउच करीब 200 रुपए में बेचा जा रहा है। यही वजह है, कच्ची शराब बेचने वालों की संख्या में लॉकडाउन के दौरान इजाफा हुआ है।

पुलिस के मुताबिक महुआ शराब की तस्करी खासकर पड़ाेसी जिले महासमुंद और उसके आसपास से की जा रही है। गोबरा नवापारा, आरंग, अभनपुर और खरोरा इलाके में कच्ची शराब खपाई जा रही है। बीते दाे दिनों में पुलिस ने करीब 32 लीटर कच्ची शराब और 18 लीटर अंग्रेजी शराब जब्त की। इससे साफ है, रायपुर के ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर कच्ची शराब खपाई जा रही है।

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