मनरेगा के तहत प्रदेश के 29.35 लाख मजदूरों को मिल रहा है काम

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर श्रमिक स्पेशल ट्रेनों, बसों एवं अन्य माध्यमों से अब तक 5 लाख 34 हजार प्रवासी श्रमिक और अन्य लोग सकुशल छत्तीसगढ़ लौट चुके हैं। इनमें 103 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यमों से छत्तीसगढ़ पहुंचे एक लाख 50 हजार से अधिक श्रमिक भी शामिल हैं। गृहराज्य लौटने पर प्रवासी श्रमिकों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया है। गृह राज्य लौटने पर इन श्रमिकों को स्वास्थ्य विभाग की गाईड लाईन अवधि तक क्वारेंटाईन के बाद मनरेगा के तहत रोजगार भी दिया जा रहा है। 25 जून की स्थिति में प्रदेश के 29 लाख 35 हजार मजदूरों को मनरेगा से काम मिल रहा है। इसके अतिरिक्त श्रम विभाग द्वारा प्रदेश के छोटे-बड़े 1521 कारखानों को पुन: प्रारंभ कर एक लाख 10 हजार से अधिक श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।

उल्लेखनीय है कि नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण देश के अन्य राज्यों में छत्तीसगढ़ के लाखों मजदूर एवं अन्य लोग फंसे हुए थे। राज्य सरकार द्वारा इन श्रमिकों को सुरक्षित छत्तीसगढ़ लाने के लिए बनायी गई कारगर रणनीति, श्रमिक स्पेशल ट्रेनों और बसों की व्यवस्था और अधिकारियों की मुस्तैदी से इन श्रमिकों को सकुशल छत्तीसगढ़ वापस लाया जा रहा है। श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा अन्य प्रदेशों से श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए भवन एवं अन्य सन्ननिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा अब तक 4 करोड़ 65 लाख रेल मण्डलों को और बसों पर खर्च किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में अन्य राज्यों से वापस लौटे इन प्रवासी श्रमिकों को राज्य शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत रोजगार दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ऐसे प्रवासी श्रमिक जिनका मनरेगा के तहत जॉब कार्ड नहीं बना है, उनका भी जॉब कार्ड बनाकर रोजगार देने का प्रावधान किया गया है। उन्हें नि:शुल्क राशन भी दिया जा रहा है। मनरेगा के तहत करीब 29 लाख से अधिक मजदूरों को रोजगार मिल रहा उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के भीतर अन्य जिलों से 15 हजार 767 श्रमिकों को सकुशल उनके गृह जिला भिजवाया गया है, वहीं छत्तीसगढ़ में रूके अन्य राज्यों के 28 हजार 450 श्रमिक सुरक्षित वापस अपने गृह राज्य जा चुके हैं। छत्तीसगढ़ से श्रमिक स्पेशल ट्रेन के माध्यम से 882 श्रमिकों को उत्तरप्रदेश भेजा गया। राज्य कर्मचारी बीमा सेवाएं (ईएसआई) के द्वारा संचालित 42 क्लीनिकों के माध्यम से लगभग 99 हजार श्रमिकों को नि:शुल्क इलाज एवं दवाएं उपलब्ध कराया गया।