शिक्षा की आड़ में नाबालिग से दुष्कर्म, पास्टर को 20 वर्ष कारावास

Chhattisgarh Crimes

अंबिकापुर। शिक्षा की आड़ में नाबालिग को साथ रख दुष्कर्म करने के आरोप पर पास्टर(पादरी) को 20 वर्ष की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश फ़ास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट(पाक्सो एक्ट) पूजा जायसवाल के न्यायालय ने उक्त सजा सुनाई है।पीड़िता को चार लाख रुपये प्रतिकर की राशि दिए जाने की अनुशंसा भी न्यायालय ने की है। मामला वर्ष 2019 का है। सीतापुर थाना क्षेत्र की 15 वर्ष की पीड़िता को आरोपित राजनांदगांव जिला के ग्राम मानपुर निवासी निराकार उर्फ सालोम उर्फ विराट उर्फ पास्टर लांडी लगभग छह महीनों तक अंबिकापुर और पत्थलगांव में अपने साथ रखा था।इसी दौरान उसने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया था।

अतिरिक्त लोक अभियोजक राकेश सिन्हा ने बताया कि आरोपित निराकार उर्फ सालोम उर्फ विराट उर्फ पास्टर लांडी सीतापुर थाना क्षेत्र में पास्टर का कार्य करता था।कई गांवों में वह लोगों के संपर्क में था।घर-घर जाकर लोगों से मुलाकात भी करता था।घटना दिवस 12 जून 2019 को सीतापुर थाना क्षेत्र के एक गांव की 15 वर्ष की किशोरी गायब हो गई थी।बीते 26 दिसंबर 2019 को पीड़िता ने घरवालों को मोबाइल से फोन कर पत्थलगांव में होने की जानकारी दी थी।स्वजन पत्थलगांव पहुंचे थे।उसी दिन पत्थलगांव थाने में आरोपित के विरुद्ध अपहरण,दुष्कर्म तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धाराओं के तहत अपराध पंजीकृत किया गया था प्रकरण सीतापुर थाना क्षेत्र का होने के कारण केस डायरी मिलने के बाद सीतापुर पुलिस ने जांच शुरू की थी।

आरोपित को 20 फ़रवरी 2020 को गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश पर जेल दाखिल करा दिया था।प्रकरण के सारे तथ्यों की सुनवाई और पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर अपर सत्र न्यायाधीश फ़ास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट(पाक्सो एक्ट) पूजा जायसवाल के न्यायालय ने आरोपित पास्टर को धारा 376(2)( ढ) के तहत 10 वर्ष कारावास व एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने पर आरोपित को तीन माह अतिरिक्त कारावास तथा धारा 376(3) के तहत 20 वर्ष कारावास व तीन हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।अर्थदंड की राशि नहीं देने पर आरोपित को छह माह अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

पढ़ाई-लिखाई का खर्च उठाने का दावा कर बनाता था दबाब

प्रकरण की जांच में यह बात निकल कर सामने आई थी कि आरोपित पास्टर ने पहले पीड़िता को अंबिकापुर में एक किराए के मकान में रखा था। बाद में उसे पत्थलगांव में भी साथ रखा।इस दौरान वह उससे दुष्कर्म करता था। लगभग छह माह तक साथ रखने के दौरान वह पीड़िता को साथ रख पढ़ाई-लिखाई का खर्च उठाने की बात करता था।25 दिसंबर 2019 को पीड़िता उसके कब्जे से मुक्त हुई थी।उसी दिन रात को किराए के दो कमरे वाले एक मकान में पीड़िता को बंद कर आरोपित एक अन्य महिला के साथ भाग गया था।उसी दौरान पीड़िता ने स्वजन को जानकारी देकर पत्थलगांव बुला सारी घटना की जानकारी दी थी।

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