एक साल में 11 लाख से अधिक लोगों ने एमएमयू में कराया अपना उपचार

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। बेहतर स्वास्थ्य एवं बीमारी में समुचित इलाज का सपना प्रदेश के हर नागरिकों का था। स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की भी कल्पना थी कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा के साथ हर छोटी बड़ी बीमारियों का इलाज समय पर और सहजता से हो। इलाज के लिए किसी भी व्यक्ति या परिवार को पैसे के लिए न जूझना पड़े।

उन्होंने अपनी दूरदर्शी सोच और सूझबूझ से स्वास्थ्य सुविधाओं की दिशा में रणनीति बनाना शुरू किया और ऐसी योजना का ताना-बाना बुना कि झुग्गी इलाकों में रहने वाले गरीब और जरूरतमंद सहित आमनागरिकों को बीमार होने पर अस्पताल की दौड़ लगाने की बजाय उनके ही घरों के आसपास मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना का लाभ मिलने लगा है। एक साल पहले लागू हुई यह स्वास्थ्य योजना न सिर्फ जन आकांक्षाओं पर खरा उतर रही है, बल्कि हर जरूरतमंदों का समय पर उपचार कर उनका विश्वास भी जीत रही है। स्लम इलाकों में मोबाइल मेडिकल यूनिट की बढ़ती आमद और कैम्प से एक साल के भीतर 11 लाख से अधिक लोगों ने अपना उपचार कराया है।

प्रदेश में 1 नवंबर 2020 को प्रदेश के 14 नगर निगमों में लागू हुई मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना का लाभ लगातार जरूरतमंद और गरीब परिवारों को मिल रहा है। स्लम बस्तियों में एमएमयू की बढ़ती आमद और समय पर लगने वाले कैम्प ने यहां रहने वाले गरीब और जरूरतमंद परिवारों को न सिर्फ बीमार होने पर स्वस्थ बनाने का काम किया है, अपितु शरीर को स्वच्छ रखने और बीमार होने पर तुरंत इलाज कराने के लिए भी प्रेरित करने का काम भी किया है। मंहगाई के इस दौर में आर्थिक बोझ तले दबे गरीब और बीमार व्यक्ति इलाज के लिए पैसा नहीं होने या फिर अस्पताल दूर होने की बात सोचकर अस्पताल नहीं जाने से कतराते थे, वे अब छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वपूर्ण और सहज उपलब्ध योजना का लाभ ले रहे हैं। स्लम बस्तियों को उन्हें अपनी गली मुहल्ले में ही डॉक्टरों की टीम के साथ मोबाइल मेडिकल यूनिट के रूप में अस्पताल मिल गया है, जहां लैब टेस्ट के साथ दवाइयां और उपचार निःशुल्क है।

गरीबों से रही नाता जोड़, दूर हो रही अस्पतालों की दौड़

11 लाख 35 हजार से अधिक लोगों का उपचार और 9 लाख से अधिक को मिली दवाइयां
मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत मोबाइल मेडिकल यूनिट से प्रदेश में 8 नवंबर 2021 तक 11 लाख 35 हजार 225 से अधिक मरीजों का उपचार किया जा चुका है। कुल 9 लाख 46 हजार 567 मरीजों को दवाइयों का वितरण किया गया है। जिसमें रायपुर में सबसे अधिक 4420 शिविर में 2 लाख 79 हजार 610 मरीज लाभान्वित हुए हैं और 2 लाख 53 हजार 610 मरीजों को दवा का वितरण किया गया है। कोरबा में 2083 कैंप में 141393, बिलासपुर में 1183 कैंप में 96458, दुर्ग में 1187 कैंप में 81686 और राजनांदगांव में 1183 शिविर में 84437 मरीज लाभान्वित हुए हैं। इसी तरह भिलाई में 894 कैंप में 67121, रिसाली में 595 कैंप में 41007 भिलाई चरोदा में 589 कैंप में 37691, अंबिकापुर में 1070 कैंप में 75525, जगदलपुर में 1128 कैंप में 59830 रायगढ़ में 1099 कैंप में 67579, कोरिया चिरमिरी में 493 कैंप में 22862, बीरगांव में 556 कैंप में 34862 मरीज लाभान्वित हुए हैं। कुल 2 लाख 19 हजार 386 मरीजों का लैब टेस्ट भी किया गया है।

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