ग्वालियर। मध्यप्रदेश से एक चौकाने वाली खबर सामने आ रही है। यहां के एक थाने के मालखाने से 80 लाख रुपए के जेवरात गायब हो गए हैं। यहां हम आपको बता दें कि 32 साल पहले हुई डकैती, लूट और हत्या के मामले में एसपी ग्वालियर से तलब किया गया है। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने मध्यप्रदेश के महाधिवक्ता को भी आगामी दिनांक पर उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में 3 सितंबर को अगली सुनवाई होनी है।
दरअसल 32 साल पहले उपनगर ग्वालियर के सोडा कुआं इलाके में रमेश चंद्र गोयल और उनकी पत्नी बसंती देवी की हत्या कर बदमाशों ने 80 लाख रुपये के सोने-चांदी के गहने लूटे थे। बाद में इस मामले में जगदीश सिंह और उदय सिंह आदि को गिरफ्तार किया था। उनसे 80 लाख रुपये का माल कोर्ट के मालखाने में जमा करवाया गया था।
80 लाख के जेवर ना मिलने पर मृतक दंपति के की बेटी ने जेवर वापस दिलाए जाने की लिए याचिका लगाई थी। इस पर हाईकोर्ट ने 4 साल पहले दंपत्ति के वारिसों को उक्त संपत्ति वापस करने के निर्देश दिए, लेकिन जब मालखाने में गहनों को तलाशा गया तो वह जेवरात और माल गायब था। इस पर हाईकोर्ट ने जिला जज को जांच के निर्देश दिए हैं। जिला जज ने जांच करने के बाद पिछले साल एफआईआर कराई थी परंतु उसमें कोई कार्यवाही नहीं हुई। हाईकोर्ट ने मंगलवार को जिला जज की रिपोर्ट पर तत्कालीन एडीजे रहे आरपी सोनी की गलती मानी। इसके बाद और पहले रहे विधि अधिकारियों ने भी हर 3 साल में होने वाले सत्यापन की प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया। इसे हाईकोर्ट ने गंभीर चूक माना और आदेशित किया है कि 8 जनवरी 1990 से लेकर 18 मार्च 2016 तक जितने भी नाजिर और नायब नाजिर आफिस इंचार्ज रहे, उन सब की भूमिका की जांच की जाए और इनके खिलाफ दोष सिद्ध होने पर कार्यवाही की जाए। जेवरात गायब होने के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर कारवाई की जा रही है।