छत्तीसगढ़ के मुंगेली में प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत जूनापारा क्षेत्र के कठमुड़ा (रैयत) से जलदा तक बनाई गई करीब 2 करोड़ 6 लाख रुपए की सड़क पहली ही बारिश में उखड़ गई

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ के मुंगेली में प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत जूनापारा क्षेत्र के कठमुड़ा (रैयत) से जलदा तक बनाई गई करीब 2 करोड़ 6 लाख रुपए की सड़क पहली ही बारिश में उखड़ गई। महज कुछ हफ्तों पहले बनी इस सड़क की हालत इतनी खराब हो गई है कि कई जगहों पर गड्ढे बन गए हैं, डामर की परतें उखड़ गई हैं और पुल के पास तीन इंच तक की दरारें पड़ गई हैं। वहीं, इंजीनियर सड़क निर्माण को गुणवत्ता पूर्ण बताने में लगे हैं।

सवालों के घेरे में अधिकारी और ठेकेदार

स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने सड़क की खराब स्थिति को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया और सड़क की मजबूती के लिए जरूरी रोलिंग और डामरीकरण सही तरीके से नहीं किया गया।

सड़क की लंबाई बढ़ाकर ठेकेदार को दिलाया फायदा

इस मामले में यूथ कांग्रेस प्रदेश सचिव रामेश्वर पुरी गोस्वामी और जनपद सदस्य श्याम सिंह ध्रुव ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों और ठेकेदार ने मिलीभगत कर सड़क की लंबाई को बढ़ा चढ़ाकर दिखाया।

उनका कहना है कि कठमुड़ा (रैयत) से जलदा तक की वास्तविक दूरी सिर्फ डेढ़ किलोमीटर है, जबकि सड़क निर्माण का प्रस्ताव तीन किलोमीटर का बना दिया गया। शेष डेढ़ किलोमीटर सड़क जलदा से राम्हेपुर तक बना दी गई, ताकि ठेकेदार को अधिक भुगतान मिल सके और “अंतरजिला कार्य योजना” की बाधा को पार किया जा सके।

बैगा आदिवासियों के नाम पर हुआ भ्रष्टाचार

इस सड़क को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्रधानमंत्री जनमन आदिवासी न्याय महाअभियान के तहत बनाया गया था। इस सड़क को बनाने में 2 करोड़ 6 लाख रुपए की लागत आई थी। इसका उद्देश्य था कि बैगा आदिवासी समाज को सुविधा मिले। लेकिन सड़क की पहली बारिश में ही सड़क उखड़ और धंस गई।

ग्रामीणों ने बताया कि सड़क पर इतनी पतली डामर की परत चढ़ाई गई थी कि वह दबने और उखड़ने लगी है। ठेकेदार सुरेश अग्रवाल और विभागीय अधिकारियों पर मिलकर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया गया है।

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