रायपुर. भारत में हर साल 10 जनवरी को “आहार विज्ञान दिवस” मनाया जाता है, ताकि स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को बढ़ावा देने में आहार विशेषज्ञों और पोषण विशेषज्ञों की महत्वपूर्ण भूमिका को सराहा जा सके. इस साल राष्ट्रीय आहार विज्ञान दिवस का विषय है, संचारी (तपेदिक और वायरल) और गैर-संचारी रोगों के लिए प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग कर के स्थायी समाधान”.
इस संदर्भ में आहार विशेषज्ञों की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे व्यक्तिगत आहार योजनाएं विकसित करने में मदद कर सकते हैं. जो विशिष्ट स्वास्थ्य आवश्यकताओं और जीवनशैली को ध्यान में रखते हैं. आहार विशेषज्ञों की विशेषज्ञता के साथ लोगों को उनकी विशिष्ट स्वास्थ्य आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत आहार योजनाएं प्रदान की जा सकती हैं.
निम्नलिखित क्षेत्रों में आहार विशेषज्ञों की भूमिका महत्वपूर्ण है:
– व्यक्तिगत आहार योजनाएं विकसित करना
– पोषण संबंधी सिफारिशें प्रदान करना
– स्वास्थ्य शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देना
– रोगप्रबंधन और रोकथाम में सहायता करना
– स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ सहयोग करना
इसके अलावा, प्रौद्योगिकी और AI रोग में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल रहे हैं निदान और भविष्यवाणी. मशीन लर्निंग एल्गोरिदम और कंप्यूटर विज़न जैसे AI-संचालित डायग्नोस्टिक टूल, पैटर्न की पहचान करने और बीमारियों का पता लगाने के लिए मेडिकल इमेज, प्रयोग शाला के नतीजों और मरीज के डेटा का विश्लेषण कर सकते हैं.
तकनीक और AI, संचारी और गैर-संचारी रोगों से निपटने के लिए स्थायी समाधान प्रदान करते हैं. इस संदर्भ में आहार विशेषज्ञों की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे व्यक्तिगत आहार योजनाएं विकसित करने में मदद कर सकते हैं. जो विशिष्ट स्वास्थ्य आवश्यकताओं और जीवनशैली को ध्यान में रखते हैं. इसलिए हमेशा अपने शरीर की जरूरतों और मौसम के अनुसार स्वास्थ्य जीवन शैली के लिए मौसमी खाद्य पदार्थों के साथ आहार का पालन करें.