नक्सल हमले पर सरकार ने बनवाई डॉक्यूमेंट्री

Chhattisgarh Crimesबस्तर में नक्सलियों के खिलाफ इस वक्त निर्णायक लड़ाई चल रही है। नक्सलियों को हर मोर्चे पर विफल करने की कवायद जारी है। सरकार नक्सलवाद पर प्रहार के साथ अब लाल आतंक का क्रूर चेहरा दुनिया तक पहुंचाने की पहल की है। राज्य सरकार ने पहली बार किसी नक्सल हमले पर एक डॉक्यूमेंट्री बनवाई है। यह डॉक्यूमेंट्री चिंगावरम हमले पर बनी है।

6.40 मिनट की इस डॉक्यूमेंट्री में बताया गया है कि कैसे एक बम ब्लास्ट ने 32 परिवारों की जिंदगी उजाड़ दी। उस वक्त के वीडियो फुटेज के साथ दिखाया गया है कि हमला कितना वीभत्य था। डॉक्यूमेंट्री में सब कुछ स्पष्ट रखा गया है। सेंसेटिव चीजों को भी उसी तरह दिखाया गया है जैसी वह घटना के दिन घटित हुई थी। इस पर राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा ने स्पष्ट किया है कि अब बस्तर और दुनिया को यह जानना चाहिए नक्सली कितनी वीभत्य हत्याएं करते हैं।
नक्सलियों का क्रूर चेहरा अब सबके सामने आना चाहिए। इस वीडियो को चिंगावरम में ही रिलीज किया गया। जब वीडियो शुरू हुआ तो कई ग्रामीणों की आंखों में आंसू थे। पीडि़त परिवार हमले के दिन को याद कर फफक पड़े। इस वीडियो को गृ़हमंत्री समेत सरकार के अलग-अलग सोशल मीडिया हैंडल पर लाखों लोग देख चुके हैं।
डॉक्यूमेंट्री की शुरुआत में ही तंज, लिखा-तब कहां थे नक्सलियों के रहनुमा 

डॉक्यूमेंट्री की शुरुआत में ही नक्सलियों के लिए पैरवी करने वालों तक तंज कसा गया है। वीडियो की शुरुआत में ही लिखा गया है कि ऐसे हमलों के वक्त नक्सलियों के रहनुमा कहां थे। यह वीडियो तब आया है जब शांति समन्वय समिति नक्सलियों की तरफ से शांति वार्ता के लिए आगे आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार पहले ही कह चुकी है कि वह ऐसी किसी भी समिति से बात नहीं करेगी। गृहमंत्री ने भी कहा है कि जब बस्तर में निर्दोष ग्रामीणों को नक्सली मार रहे थे तब नक्सलियों के शुभचिंतक कहां थे।

हमले में अपनों को खोने वालों ने दर्द किया बयां 

इस डॉक्यूमेंट्री में आधा दर्जन ऐसे परिवारों से बात की गई है जिन्होंने इस हमले में अपनों को खोया है। हमले के 15 साल भी पीडि़त परिवारों के चेहरे पर दर्द दिख रहा है। परिवार के लोग बिलखते हुए अपना दर्द बयां कर रहे हैं। मालूम हो कि 17 मई 2010 में सुकमा जिले के चिंगावरम में एक आईईडी विस्फोट में 32 लोग मारे गए थे। इनमें 16 जवान और 16 आम ग्रामीण थे। जबकि इतने ही लोग घायल हुए थे। यह उस साल का सबसे बड़ा नक्सल हमला था। नक्सलियों ने पहली बार किसी यात्री बस को निशाने पर लेते हुए जवानों को नुकसान पहुंचाया। इसकी जद में निर्दोष ग्रामीण भी आ गए थे।

आगे भी दिखेगा नक्सलियों का रक्त रंजित चेहरा 

सरकार ने यह तय कर लिया है कि अब वह इसी तरह से नक्सलियों के चरित्र को देश-दुनिया तक पहुंचाएगी। कहा जा रहा है कि आने वाले वक्त में अलग-अलग हमलों की डॉक्यूमेंट्री इसी तरह से सामने आएगी और बताया जाएगा कि लाल आतंक की वजह से बस्तर को और बस्तर के लोगों को कितना नुकसान पहुंचा है।

Exit mobile version