छत्तीसगढ़ में गोवंश तस्करी पर अब 7 साल कैद

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। छत्तीसगढ़ में गौ तस्करी करने वालों पर अब सख्त कार्रवाई होगी। इसे लेकर नया नियम जारी किया गया है। प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि गौ-वंश के परिवहन के लिए अधिकारियों से लाइसेंस लेना होगा। गाड़ी पर फ्लैक्स लगाना होगा कि पशुओं का परिवहन हो रहा है।

अवैध परिवहन होने पर गाड़ी जब्त की जाएगी। अवैध परिवहन करवाने वाले की संपत्ति कुर्क होगी। गृहमंत्री ने ये भी कहा कि 7 साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना लगेगा। हालांकि, कृषि पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 में ये दोनों बातें पहले ही शामिल हैं।

लाइसेंस देने के लिए नोडल अधिकारी तय होंगे

मंत्री विजय शर्मा ने बताया कि, लाइसेंस देने के लिए नोडल अधिकारी तय होंगे। इनके नंबर हर थाने में सार्वजनिक जगहों पर दिए जाएंगे ताकि अवैध परिवहन की जानकारी लोग दे सकें। गृहमंत्री ने कहा कि नए नियमों के मुताबिक गौ-वंश का अवैध परिवहन करना एक संज्ञेय अपराध होगा, ये गैर जमानती होगा।

क्या है नए सर्कुलर में…

छत्तीसगढ़ के DGP अशोक जुनेजा के हस्ताक्षर से एक सर्कुलर सभी रेंज के IG, SP और SSP को भेजा गया है। इस सर्कुलर में बताया गया है कि हाल ही में गौ-वंश और दुधारू पशुओं के परिवहन तस्करी, वध या मांस बेचे जाने की वजह से कानून-व्यवस्था प्रभावित हुई है। ऐसे अवैध कामों में शामिल लोगों के खिलाफ विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई करनी है।

इसमें कृषक पशु कैटेगरी के गौ-वंश शामिल

सरकार ने साफ कहा है कि गौ-वंश का अवैध परिवहन किया तो कार्रवाई होगी। कृषक पशु कैटेगरी में आने वाले पशुओं का अवैध परिवहन करने पर कार्रवाई होगी। इसमें गाय, बछड़ा, बछिया, भैंस के बच्चे, सांड, बैल, भैंसा और भैंस शामिल है। इनका कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 के तहत इनका मांस रखना बेचना, इनका अवैध परिवहन करना पहले से ही प्रदेश में बैन है।

पुलिस की सेटिंग नहीं चलेगी

डीजीपी के सर्कुलर में कहा गया है कि सेटिंगबाज SP और थानेदार भी नहीं बचेंगे। कहा गया है कि जहां से पशु का परिवहन शुरू हुआ और जहां गाड़ी जब्त की गई उसके बीच में पड़ने वाले जिलों के SP और थाना प्रभारियों के सर्विस बुक में निगेटिव टिप लिखी जाएगी। ऐसा 5 बार से ज्यादा बार हुआ तो अनुशासनात्मक कार्रवाई भी होगी।

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