अब निगम से गोल बाजार की दुकानें खरीद सकेंगे व्यापारी

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। गोलबाजार के 960 दुकानों की रजिस्ट्री जनवरी से होगी। सरकार ने 1 रुपए के टोकन पर गोलबाजार की जमीन निगम को देने का फैसला कर लिया है। सरकार के इस फैसले के साथ ही गोलबाजार की दुकानें कारोबारियों को बेचने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार से निगम को बाजार की जमीन मिलने के साथ ही इसे बेचने का अधिकार भी मिल गया है। कलेक्टर गाइड लाइन के हिसाब से दुकानों की साइज के अनुसार कीमत तय की जाएगी।

मेनरोड की दुकानें मौजूदा दर के हिसाब से 10 और भीतर की 7 हजार प्रतिवर्ग फुट के हिसाब से बेची जाएंगी। दुकानें बेचकर निगम करोड़ों कमाएगा। कलेक्टर गाइडलाइन दर में बदलाव हो सकता है। निगम अफसरों के अनुसार मेन रोड पर ही किसी जगह की कीमत में अंतर आ सकता है। भीतर भी कीमत घट-बढ़ सकती है। रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू होने में एक महीने का समय लग सकता है। इस वजह से अगले साल जनवरी से रजिस्ट्री शुरू करना तय किया गया है।

निगम अफसरों के अनुसार कैबिनेट के फैसले के बाद अगले महीने के पहले सप्ताह तक बाजार की जमीन निगम के हैंड ओवर होगी। उसके तुरंत बाद ही बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसमें भी एक महीना लग सकता है। इस वजह से रजिस्ट्री के लिए जनवरी का समय तय किया जा रहा है। अफसरों के अनुसार रजिस्ट्री के लिए कारोबारियों को नोटिस जारी किया जाएगा। दुकानों की साइज और कलेक्टर गाइडलाइन रेट के आधार पर कीमत तय की जाएगी। गौरतलब है कि करीब 6 माह पहले निगम ने गोलबाजार के कारोबारियों को मालिकाना हक देने का निर्णय लिया था। उसके बाद शासन के पास प्रस्ताव भेजा गया।

जिनके नाम पर आवंटन, उसी के नाम पर रजिस्ट्री

गोलबाजार की दुकानें जिन कारोबारियों के नाम पर आवंटित हुई है, उसी के नाम पर रजिस्ट्री की जाएगी। ऐसे कारोबारी जिन्होंने हाल के वर्षों में खरीदी है, उन्हें दोबारा दुकान खरीदना होगा। निगम के रिकार्ड के अनुसार गोलबाजार में 960 कारोबारियों को पट्टा और पाटा आबंटित हुआ है। इनमें से कई लोगों ने अपनी दुकानें रिश्तेदारों और परिचितों को बेच दी है, लेकिन इसका अधिकृत रिकार्ड नहीं है। इसकी वजह यह है कि कारोबारियों दुकानें बेचने का अधिकार नहीं है।

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