गरियाबंद । कोरोना के संकटकाल में चिकित्सक और चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। कोरोना वारियर्स के रूप ये अपनी जान जोखिम में डालकर इस महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन पूरे समपर्ण और सेवाभाव से कर रहे है। ऐसी ही नगर की एक कोरोना वारियर्स बेटी ने लाकडाउन के शुरूआत से ही लगातार आठ माह तक रायपुर के एक प्राइवेट अस्पताल एमएमआई में पूरी तत्परता और सेवाभाव से कोरोना मरीजों की सेवा कर मिशाल कायम की है। आठ माह बाद वह वापस अपने घर गरियाबंद पहुची हैं। इस अवसर पर मोहल्लेवालों और नगरवासियों ने अपने इस कोरोना वारियर्स बेटी का पुष्पवर्षा और तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया गया। इस नेक सेवा कार्य के लिए उसे आत्मीय बधाई दी और उसके उज्जवल भविष्य की कामना की।
ज्ञात हो कि नगर के वार्ड क्रमांक 15 में की 22 वर्षीय ओमिता सिन्हा विगत दो वर्ष से रायपुर के प्राइवेट हास्पीटल एमएमआई में नर्सिंग स्टाफा है। लेकिन जब देश में कोरोना संकट की स्थिति बनी तो जनवरी से ही स्वास्थ्य व्यवस्थाओ में बदलाव के साथ उसे कोविड 19 में मरीजो की सेवा के लिए एमआईसीयू स्टाफ की महत्वपूर्ण भूमिका दी गई। जिसका उसने पूरा तत्परता, निडरता और सेवाभाव से निर्वहन किया। बिते आठ माह से वह अपने घर परिवार से दूर रायपुर में ही रहकर कोरोना मरीजो की सेवा की। इस दौरान उसने एक भी छुट्टी नही ली।
एक संक्षिप्त चर्चा में ओमिता सिन्हा ने बताया कि जब कोरोना संक्रमण के चलते संकटमय स्थिति उत्पन्न हुई तो अस्पताल प्रबंधन ने इस कठिन दौर में सेवा कार्य के लिए उसे चुना। परिवार वालो से चर्चा की तो उन्होने भी इस कार्य के लिए उन्हे प्रोत्साहित किया। शुरू में कोरोना माहौल को देखकर थोड़ा डर जरूर लगा परंतु प्रबंधन और परिजनो के हौसला औपजाई के बाद साहस बढ़ा और उन्होने इस कार्य को पूरे निडरता और सेवाभाव से करने का निश्चय किया। इस दौरान एक बार वह खुद भी संक्रमित हो गई। 14 दिन तक क्वारेटाइन रही, स्वास्थ्य लाभ लिया और फिर स्वस्थ होकर फिर से कोरोना ड्युटी मे जुट गई। ओमिता ने बताया कि अस्पताल में ड्युटी के दौरान हर सात दिन में कोरोना टेस्ट भी होता था और सात दिवस क्वारेटाइन भी रहना पड़ता था।
कोरोना वारियर्स बेटी का नगर पालिका अध्यक्ष गफ्फु मेमन सहित नगरवासियों ने की प्रशंसा …
नपा अध्यक्ष मेमन ने कहा कि ओमिता सिन्हा ने संकटकाल में मिशाल कायम करते हुए पूरे गरियाबंद का नाम रोशन किया है। ओमिता हम सब के लिए प्रेरणादायी है। इस नेक कार्य के लिए मै पूरे गरियाबंद की ओर से उसे बधाई देते हुए उसके स्वस्थ और उज्जवल भविष्य की कामना करता हूॅ। इस अवसर पर नगर पालिका के उपाध्यक्ष सुरेन्द्र सोनटेके सहित सभी पार्षदो, वरिष्ठ जन सहित व्यापारी संघ, सिंधी समाज, सिन्हा समाज सहित विभिन्न समाज के लोगों ने उनको बधाई दी है।
परिवार में खुशी का माहौल…
ओमिता के सकुशल वापसी के बाद परिवार में खुशी का माहौल हैं। बड़े भाई विजय सिन्हा व पंकज सिन्हा ने बताया कि कोरोना संकट के कठिन समय में परिवार से दूर अस्प्ताल में मरीजों की सेवा मे जुटी थी। यह समय बेहद कठिन था, पूरा परिवार उसे लेकर चिंतित था। हमे खुशी है कि इस संकटकाल में हमारी बहन ने बेहतर सेवाकार्य कर परिवार और गरियाबंद को गौरवाविंत किया है।