अमित जोगी ने गिरफ्तारी के दौरान कहा कि जरूरत पड़ी तो इसके लिए कोर्ट भी जाएंगे। दरअसल, पेंड्रा में बुधवार को अमित जोगी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ ज्योतिपुर चौक पर पहुंचे, जहां पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की प्रतिमा स्थापित करने की कोशिश की।
प्रशासन की ओर से बताया गया कि, संबंधित स्थल पर मूर्ति स्थापना के लिए अनुमति नहीं ली गई थी। इसे लेकर ही विवाद हो गया। पुलिस बल ने स्थिति को नियंत्रित किया। बता दें कि, ज्योतिपुर से 500 मीटर दूरी पर ही अजीत जोगी की समाधि है, एक किमी की दूरी पर बेटी अनुषा जोगी की समाधि है।
घटनाक्रम का मास्टरमाइंड आरएसएस प्रमुख का बेटा
अमित जोगी ने कहा कि, कोई अनैतिक काम मैंने नहीं किया है। जमीन मेरी है, मूर्ति मेरे पिताजी की है। जनभावना के अनुरूप मैंने काम किया है। उनकी प्रतिमा को शासन ने कैद कर लिया था। जिसे हमने छुड़ाने की कोशिश की। पूरी घटनाक्रम का मास्टरमाइंड जिले के आरएसएस प्रमुख के बेटे हैं, क्योंकि उनका बेटा भी सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है। उसी के दिशा निर्देश पर यह काम किया गया है, क्या यही संस्कार है।
RSS अब राक्षस समाज भक्षक संघ बन गई
उन्होंने कहा कि, मोहन भागवत कहते हैं कि, बड़ों का सम्मान करना चाहिए, लेकिन ठीक उसके विपरीत अपने बच्चों को संस्कार दे रहे हैं, इसलिए यह RSS राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नहीं राक्षस समाज, भक्षक संघ बन गई है।
मूर्ति को न्याय दिलाने के लिए अगर मुझे न्यायमूर्ति के सामने जाना पड़ेगा, तो हम वह भी करेंगे। बाबा साहब अंबेडकर का जो स्मारक है नागपुर में, वहां जाकर उनसे आशीर्वाद लेकर मैं हाईकोर्ट में भी इस मामले को लेकर जाऊंगा।