जनवरी में पिता के साथ स्कूटर पर जा रहा 7 साल का बच्चा चाइनीज मांझे की चपेट में आ गया। मांझे से बच्चे का गला बुरी तरह कट गया और बाद में उसकी मौत हो गई थी। हाईकोर्ट ने दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर पर संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव से शपथ पत्र मांगा।
शपथ पत्र में बताया गया कि बच्चे के पिता को मुआवजे के तौर पर 50 हजार रुपए दिए गए हैं। इस मामले में चाइनीज मांझा बेचने वाले दुकानदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भी जानकारी दी गई। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार से मुआवजे की रकम पर पुनर्विचार करने को कहा है। अब इस मामले पर 16 अप्रैल को सुनवाई होगी।
19 जनवरी 2025 को शाम 5 बजे पुष्कर उर्फ पोषण साहू (7) अपने पिता के साथ स्कूटर पर जा रहा था। राधा कृष्ण मंदिर के पास मांझे की डोर उसके गले में फंस गई। गला कटने से उसकी मौत हो गई। इसी तरह रायपुर सेक्टर-4 डीडी नगर की पूरन कौशल नाम की महिला भी चाइनीज मांझे से घायल हुई थी। वह सिटी सेंटर मॉल के पास स्कूटी चला रही थी। 27 जनवरी को बूढ़ापारा इलाके में एक व्यक्ति चाइनीज मांझे से घायल हुआ। इसे लेकर दैनिक भास्कर में छपी खबर को गंभीरता से लेते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने मुख्य सचिव से शपथ पत्र मांगा था।
बताने को कहा गया था कि इसे रोकने के दिशा में क्या कदम उठाए गए हैं। मुख्य सचिव ने शपथ पत्र देकर बताया है कि बच्चे की मौत के मामले में टिकरापारा पुलिस ने बीएनएच की धारा 106(1) के तहत केस दर्ज किया है। इसके अलावा 26 जनवरी 2025 को संयुक्त टीम ने अवैध रूप से चाइनीज मांझा बेचने वाली दुकानों का निरीक्षण किया।
नगर निगम ने इन दुकानों को सील कर दिया। पुलिस ने दुकानदारों पर पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत केस दर्ज किया है। जांच में एक दुकान में चाइनीज मांझा बिकता मिला। नगर निगम ने इसे जब्त कर दुकान सील कर दी। राज्य में 53 दुकानों पर कार्रवाई हुई है। इनसे चाइनीज मांझा जब्त कर 30,700 रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
तेलीबांधा में चाइनीज मांझा बेचने वाले तीन विक्रेताओं पर भी केस दर्ज किया गया है। यह भी बताया गया कि इन तीन घटनाओं के अलावा राज्य में चाइनीज मांझे से कोई अन्य हादसा नहीं हुआ है। मृतक बच्चे के पिता को 50 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी गई है।
दुकानों पर की गई कार्रवाई की दें जानकारी
हाई कोर्ट ने संशोधित प्रावधान का जिक्र करते हुए आदेश में कहा है कि राज्य सरकार को मृतक बच्चे के परिवार के सदस्यों को दिए जाने वाले मुआवजे पर पुनर्विचार करना चाहिए। इस संबंध में मुख्य सचिव को हलफनामा देने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही अवैध रूप से चीनी मांझा बेचती पाई गई 53 दुकानों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में भी जानकारी देने के लिए कहा गया है।
2017 से प्रतिबंध, सभी कलेक्टर- एसपी, नगर आयुक्त को जांच के आदेश
मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में चाइनीज मांझे की बिक्री, उत्पादन, भंडारण और उपयोग पर 25 फरवरी 2017 से प्रतिबंध है। 2 फरवरी 2024 को सभी कलेक्टरों, एसपी, नगर आयुक्त और जिला परिवहन अधिकारियों को इस प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए थे। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड (सीईसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में चाइनीज मांझा बनाने वाला कोई उद्योग नहीं है। संभावना है कि यह अन्य राज्यों से अवैध रूप से आ रहा है। रायपुर में नगर निगम, पुलिस और अन्य विभागों की संयुक्त टीम बनाई गई है। यहां इसकी बिक्री और उपयोग पर कार्रवाई हो रही है।
जन जागरूकता अभियान भी शुरू किया गया है।