नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने गुजरात दौरे के दूसरे दिन आज नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। यह देश की तीसरी सेमी हाई स्पीड ट्रेन है। इसे गांधी नगर से मुंबई सेंट्रल के बीच चलाया जाएगा। इस ट्रेन को ‘मेक इन इंडिया’ के तहत तैयार किया गया है। इसके अधिकांश पुर्जे भारत में ही तैयार किए गए हैं।
15 फरवरी 2019 को पहली बार नई दिल्ली-कानपुर-इलाहाबाद-वाराणसी मार्ग पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई गई थी। पीएम मोदी ने बीते साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में अगले 75 सप्ताह के दौरान 75 वंदे भारत ट्रेनें चलाने की घोषणा की थी।
वंदे भारत एक्सप्रेस में क्या है खास?
गति, सुरक्षा और सर्विस इस नई नवेली सेमी हाई स्पीड ट्रेन की पहचान है। चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में केवल 18 महीनों में इसे तैयार किया गया है। वंदे भारत एक्सप्रेस 160 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति तक चल सकती है। यह कुछ ही सेकेंड में 100 किमी की रफ्तार पकड़ सकती है। यात्रियों को उनकी यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने की पूरी कोशिश की गई है। गति और सुविधा के मामले में यह ट्रेन भारतीय रेलवे के लिए बड़ी छलांग है।
वंदे भारत एक्सप्रेस यात्रा के समय को 25 से 45 प्रतिशत तक घटा देगा। उदाहरण के लिए नई दिल्ली और वाराणसी के बीच इस ट्रेन से यात्रा करने में सिर्फ आठ घंटे लगते हैं। इन दोनों शहरों को जोड़ने वाली अन्य ट्रेनों को 12-14 घंटे लगते हैं।
ऑटोमेटिक दरवाजे
इस ट्रेन के सभी कोच में ऑटोमैटिक दरवाजे, जीपीएस आधारित ऑडियो-विजुअल यात्री सूचना प्रणाली, मनोरंजन के लिए ऑनबोर्ड हॉटस्पॉट वाई-फाई की सुविधा दी गई है। इसके साथ ही इसकी आरामदायक कुर्सी यात्रा को और आसान बनाती है।
180 डिग्री तक घूमती है सीटें
एग्जीक्यूटिव में 180 डिग्री घूमने वाली सीटें लगी हैं। साथ ही साइड रिक्लाइनर की भी सुविध है। ट्रेन में टच-फ्री सुविधाओं के साथ बायो वैक्यूम शौचालय भी हैं। प्रत्येक कोच में गर्म खाना और पेय पदार्थ परोसने की सुविधाओं के साथ एक पेंट्री है। प्रत्येक वंदे भारत एक्सप्रेस में कुल 1,128 यात्रियों के बैठने की क्षमता है।
सीसीटीवी कैमरे और इमरजेंसी लाइटें भी
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कोच के बाहर रियरव्यू कैमरों सहित चार प्लेटफॉर्म साइड कैमरे लगाए गए हैं। ट्रेन के बेहतर नियंत्रण के लिए नए कोचों में लेवल-II सेफ्टी इंटीग्रेशन सर्टिफिकेशन है। इसके साथ ही ट्रेन में बिजली गुल होने की स्थिति में हर कोच में चार इमरजेंसी लाइटिंग भी होगी।
बाढ़ से लड़ने की भी क्षमता
नई वंदे भारत एक्सप्रेस को साइक्लोन और बाढ़ से मुकाबला करने के लिए और मजबूत बनाया गया है। पहले इसकी क्षमता 400 एमएम तक की थी जिसे नई ट्रेन में बढ़ाकर 600 एमएम कर दिया गया है।
वंदे भारत एक्सप्रेस का रूट चार्ट?
देश की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन वर्तमान में दो मार्गों (नई दिल्ली- कटरा और नई दिल्ली-वाराणसी) पर चल रही है। इस साल की शुरुआत में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खजुराहो से भी वंदे भारत एक्सप्रेस के संचालन की घोषणा की थी। जल्द ही ये ट्रेनें पूरे देश में चलेंगी। गांधीनगर और मुंबई सेंट्रल के बीच शुरू की जा रही नई वंदे भारत एक्सप्रेस देश की तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस है।