नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) में कोरोना वायरस के टीके की पहली खुराक लगवाई। हालांकि, पीएम मोदी ने इसके जरिए भी विपक्ष को एक बड़ा संदेश दे दिया है। दरअसल, पीएम मोदी ने भारत बायोटेक की बनाई ‘कोवैक्सिन’ की पहली खुराक ली है, जिसपर विपक्ष के साथ ही कई स्वास्थ्यकर्मी भी सवाल उठाते रहे हैं।
#WATCH: Prime Minister Narendra Modi took his first dose of the #COVID19 vaccine at AIIMS Delhi today. He was administered Bharat Biotech's COVAXIN. pic.twitter.com/VqqBYZDTFU
— ANI (@ANI) March 1, 2021
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘एम्स में कोविड-19 वैक्सीन की पहली डोज ली। हमारे डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को कम समय में मजबूत बनाने के लिए उल्लेखनीय काम किया है। मैं उन सबसे अपील करता हूं कि जो लोग कोरोना टीका लगाने के लिए योग्य हैं वे वैक्सीन लें। आइए, साथ मिलकर भारत को कोविड-19 मुक्त बनाएं।’
‘सबसे पहले पीएम मोदी लगवाएं वैक्सीन’
कोरोना वैक्सीनेशन का पहला चरण शुरू होते ही कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने कोवैक्सिन की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा था कि वैक्सीन के प्रति भरोसा पैदा करने के लिए सबसे पहले पीएम मोदी को टीका लगवाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर वैक्सीन इतनी ही विश्वसनीय है तो बीजेपी के नेताओं ने सबसे पहले यह क्यों नहीं लगवाई। हालांकि, तब भी यह स्पष्ट कर दिया गया था कि पीएम मोदी अपनी बारी आने पर ही टीका लगवाएंगे।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी उठाए सवाल
कोवैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दिए जाने के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट करते हुए कहा कि कोवैक्सीन का अभी तक तीसरे चरण का ट्रायल नहीं हुआ है, बिना सोच-समझे अनुमति दी गई है जो कि ख़तरनाक हो सकती है
डॉक्टरों ने भी जाहिर किया था संशय
आरएमएल अस्पताल के डॉक्टरों ने भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सिन को लेकर संशय जाहिर किया था। डॉक्टरों ने इसको लेकर एक पत्र मेडिकल सुपरिटेंडेंट को लिखा था। कोवैक्सिन को जब इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी तब तक इसके तीनों चरण का ट्रायल पूरा नहीं हुआ था। डॉक्टरों ने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने की मांग की थी।
हालांकि, सरकार ने हमेशा यह कहा है कि कोवैक्सिन सुरक्षित है और इसके कोई खास साइड इफेक्ट्स नहीं है।