मेकाहारा में पीएम केयर्स के तहत स्थापित पीएसए आक्सीजन संयंत्र मरीजों के लिए चालू
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार सुबह 11 बजे उत्तराखंड के एम्स ऋषिकेश में आयोजित एक कार्यक्रम के तहत 35 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में पीएम केयर्स के अंतर्गत स्थापित 35 प्रेशर स्विंग एड्जॉर्ब्शन (पीएसए) आक्सीजन संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किया। देश के जिन अस्पतालों में ये संयंत्र स्थापित किए गए हैं उनमें से एक डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर का संयंत्र भी शामिल है। प्रधानमंत्री के उद्घाटन कार्यक्रम में अम्बेडकर अस्पताल स्थित नवनिर्मित पीएसए आक्सीजन संयंत्र भी वर्चुअली जुड़ा रहा। इस संयंत्र से एक मिनट में 960 लीटर आक्सीजन का उत्पादन होगा।
अम्बेडकर अस्पताल में इससे पूर्व भी 1450 लीटर प्रति मिनट की उत्पादन क्षमता वाला आक्सीजन प्लांट राज्य शासन एवं एनएचएम के सहयोग से स्थापित किया जा चुका है। दोनों प्लांट के सुचारू रूप से चालू रहने पर अस्पताल में प्रतिदिन 500 सिलेंडर आक्सीजन की आपूर्ति हो सकेगी जो सामान्य दिनों के आॅक्सीजन की जरूरत को पूर्ण कर लेता है। अम्बेडकर अस्पताल के आॅक्सीजन संयंत्र के वर्चुअल उद्घाटन कार्यक्रम में रायपुर सांसद सुनील सोनी, विधायक सत्यनारायण शर्मा, विधायक कुलदीप जुनेजा , महापौर एजाज ढेबर, नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे, आईएएस डॉ. अयाज तंबोली, संचालक चिकित्सा शिक्षा एवं अधिष्ठाता डॉ. विष्णु दत्त, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनित जैन, सहायक अधीक्षक डॉ. ए. वसीम, एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. के. के. सहारे, पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद नेरल, मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. डी. पी. लाकरा, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ज्योति जायसवाल, सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. मंजू सिंह, क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ. ओ. पी. सुंदरानी, डॉ. अंजना निगम, डॉ. अल्ताफ युसूफ मीर, सहायक नर्सिंग अधीक्षक श्रीमती अभिलाषा गुजराती, बायोमेडिकल इंजीनियर सूरज पंजाबी, प्रोग्रामर निकुंज राठौर एवं राघवेन्द्र साहू मौजूद रहे।
क्या है पीएसए टेक्नोलॉजी
प्रेशर स्विंग एड्जॉर्ब्शन (पीएसए) प्लांट में वायुमंडल में उपस्थित हवा से ही आक्सीजन बनाने की टेक्नोलॉजी होती है। पीएसए इस सिद्धांत पर काम करता है कि उच्च दबाव में गैस, ठोस सतह (सॉलिड सरफेस) की तरफ आकर्षित होते हैं और अवशोषित (एडजॉर्ब) हो जाते हैं। इसमें एक चैम्बर में एड्जॉर्बेट डालकर उसमें हवा को गुजारा जाता है जिसके बाद हवा का नाइट्रोजन एड्जॉर्बेट से चिपककर अलग हो जाता है और आक्सीजन बाहर निकल जाती है। प्लांट के आक्सीजन टॉवर में आक्सीजन के एकत्रित होने के बाद इसे फिल्टर किया जाता है। तत्पश्चात इसे उपयोग में लाया जाता है। अम्बेडकर अस्पताल में स्थापित यह संयंत्र वर्तमान में 960 लीटर प्रति मिनट की क्षमता से आॅक्सीजन का उत्पादन कर रही है।