कड़े संघर्षों के बीच पक रहा है इनके सफलता का ये मीठा हल्वा
किशन सिन्हा/ छत्तीसगढ़ क्राइम्स
छुरा. छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय 21 वीं सीनियर महिला पुरुष भारोत्तोलन प्रतियोगिता वर्ष 2024 दिनांक 2 से 4 फरवरी को जेएन पांडेय स्कूल रायपुर में आयोजित हुआ इस प्रतियोगिता में गरियाबंद जिले से कुल 7 प्रतिभागी शामिल हुए। जिसमें 4 महिला वर्ग के प्रतिभागियों ने 3 स्वर्ण व एक रजत पदक प्राप्त करने में सफलता हासिल किए। जिनमें कुमकुम ध्रुव ने 49 किलो भार वर्ग में 125 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान हासिल किया। लक्षवन्तीन कोसले ने 55 किलोभार वर्ग में 140 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान हासिल किया। खेमिन पटेल ने 64 किलो भार वर्ग में 136 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान हासिल किया। संध्या साहू 45 किलो भार वर्ग में 123 अंक प्राप्त कर द्वितीय स्थान हासिल किया।
आइए जानते हैं इन बच्चियों की संघर्ष से सफलता प्राप्त करने तक की कहानी –
कुमकुम ध्रुव छुरा नगर के महामुली पारा के रहनी वाली एक ऐसी बच्ची हैं जिनके सर से पिता का साया बहुत पहले से उठ चुका है जबकि उनके घर में वे चार भाई बहनों में तीसरे नंबर की सन्तान हैं जिनका लालन पालन उनकी माता अपने छोटे से बाड़ी में सब्जियां उगा कर उन्हें आस पड़ोस में बेच कर करती हैं, वर्तमान में कक्षा 12वीं में अध्ययनरत् बेहद ही प्रतिभाशाली कुमकुम ने अपने जीवन के पहले प्रतियोगिता धमतरी में आयोजित जुनियर लेबल ओपन स्टेट लेबल चैम्पियनसीप में 40 किलो वर्ग भार का प्रतिनिधित्व करते हुए छत्तीसगढ़ में अपने वेटकेटेगरी में जुनीयर स्तर पर सर्वाधिक भारोत्तोलन का रिकॉर्ड अपने नाम करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया हुआ है इसके साथ ही उन्होंने ने तमिलनाडु में आयोजित राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित ओपन गेम्स में सातवां स्थान,खेलो इंडिया युथ गेम्स उड़ीसा में सातवां स्थान, रायपुर में स्कूल स्टेड चैम्पियनसीप में गोल्ड मेडल गरियाबंद में गोल्ड मेडल, कोलकाता में पांचवा स्थान बालोद में प्रथम स्थान समेत कुल छः स्वर्ण पदक सहित कई मेडल अपने नाम कर चुकी है।
खेमीन पटेल गांव गांव घुम कर सब्जी बेजने वाले की बेटी है जो शहर से दूर परसदा खुर्द में रहने वाली अदम्य साहस की परिचायक वो बालिका है जो सुबह शाम अपने अभ्यास हेतु लग-भग 10 से 12 किलोमीटर का जंगलों वाला रास्ता अकेले तैय कर छुरा आती है और कड़ी मेहनत कर प्रतियोगिताओं हेतु लगातार प्रयास रत रहती है खेमीन ने अभी तक राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर कुल द गोल्डन सहित पांच मेडल अपने नाम किए हैं।
लक्षवंतीन कोसले “रानी” ईंट बनाने का काम करने वाले गरीब मजदूर परिवार में की बेटी है असफलता के बाद कड़ी मेहनत कर सफल होने का साक्षात उदाहरण है रानी जिन्होंने कलकत्ता में आयोजित प्रतियोगिता में तीन लगातार असफल प्रयास के बाद बाहर हो गई थी जिसके बाद कड़ी मेहनत करते हुए अगले प्रतियोगिता में भाग लेते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया, अबतक रानी राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय के कई प्रतियोगिताओं में दिल्ली कलकत्ता उड़ीसा कर्नाटका जेसे अलग अलग राज्य में जाकर ना केवल छुरा बलकी छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ाया है जिसमें 4 स्वर्ण सहित कई पदक अपने नाम किया है।
संध्या साहू छुरा नगर के आवासपार की रहने वाली एक स्कूल बस ड्रेवर की बेटी है जो अभी छुरा के ही कन्या शाला में 12 वी में पढ़ाई करती है चार गोल्ड सहीत अब तक छह मेडल अपने नाम कर चुकी है।
आदिवासी विकास खंड में निवास रात इन प्रतिभावान खिलाड़ियों को ना तो इनके डाइट का ना तो इनके पहनावे का और ना ही इनके वास्तविक (पहलवानी) जीवन संचालन हेतु किसी भी सरकारी या निजी संस्थाओं के माध्यम से कोई लाभ मिल पाता है वह जैसे तैसे करके अपना सपने स्वयं के माता-पिता के बलबूते पर संघर्ष पूर्वक अभी तक अपने सपनों को जिंदा रखे हुए हैं और नगर का जिले का राज्य का नाम रोशन फिर भी कर रहे हैं यह बड़ी विडंबना की बात है कि इन प्रतिभावान प्रतिभागियों को मूलभूत सुविधा नहीं मिल पा रही है इसके लिए निश्चित तौर पर जिम्मेदार व्यक्तियों को कदम उठाए जाने की आवश्यकता है बड़े-बड़े पदों बैठे संगठन के नाम पर आने वाले लाभों को भोगने वाले व्यक्तियों की यहां कमी नहीं है लेकिन उसके जो वास्तविक हकदार है उन तक सुविधा नाम मात्र भी नहीं पहुंचता है जो कि सरासर गलत है इसका आगे उन्मूलन हो यही इन बालिकाओं की मांग है और उनको सुविधा मिल पाए यही उनके आत्मीय इच्छा है।