नई दिल्ली। एक तो सरकारी क्षेत्र के बैंक पहले से ही कर्ज के डूबने के चलते सकंट के दौर से गुजर रहे थे। उस पर बैंकों के सामने सबसे बड़ा सकंट बढ़ा दिया है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने जिसके तहत बड़ी संख्या में दिया गया कर्ज अब डूबने के कगार पर है। मुद्रा योजना के तहत दिये कर्ज के एनपीए में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत बांटे गये कर्ज के एनपीए में बीते 2 सालों में 2 गुना से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है। इसका खुलासा हुआ है वित्त मंत्री राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा लोकसभा में दिये एक सवाल के जवाब में।
इस खुलासे के मुताबिक 2017-18 में सरकारी बैंकों ने मुद्रा योजना के तहत 2,12,205 करोड़ रुपये का कर्ज बांटा था जिसमें से 7277 करोड़ रुपये का कर्ज एनपीए हो गया, तो 2018-19 में 3,05,489 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बांटा गया जिसमें से 11,483 करोड़ रुपये का कर्ज एनपीए हो गया तो 2019-20 में कुल 3,87,437 करोड़ रुपया का कर्ज बांटा जिसमें से अब 18,835 करोड़ रुपये का कर्ज एनपीए हो गया यानि स्वरोजगार के लिये दिया गया ये कर्ज डूबने के कगार पर है। आपको बता दें बैंकों ने मुद्रा योजना के तहत अबतक 12.91 लाख करोड़ रुपये के कार्ज बांटे हैं।
केंद्र का चुनाव हो या राज्यों की पीएम मोदी से लेकर सत्ताधारी दल बीजेपी हर जगह मुद्रा योजना को खुब भूनाती रही है। मुद्रा योजना को 8 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री मोदी ने लॉन्च किया था। जिसमें शिशु लोन के तहत 50,000 रुपये, किशोर के तहत 50,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये और तरुण के तहत 5 लाख से लेकर 10 लाख रुपये तक का मुद्रा लोन स्वरोजगार के लिये दिया जाता है।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार युवाओं को अपना बिजनेस शुरू करने के लिए 2015 में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरूआत की। इसके तहत 10 लाख रुपये तक का लोन दी जा रही है। इस योजना का मकसद स्वरोजगार के लिए ज्यादा संख्या में लोगों को मुख्यधारा में लाना है। इससे अन्य लोगों के लिए भी रोजगार के मौके बनेंगे। सरकार ने इस योजना को तीन वर्गों में बांटा है, जिसके तहत लोगों को 50,000 रुपये तक का लोन, 5 लाख रुपये तक का लोन और 10 लाख रुपये तक का लोन दे रही है।
क्या हैं लाभ और ब्याज दरें?
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत सरकार बिना गारंटी के लोन देती है। यही नहीं लाभार्थी से इसके लिए किसी प्रकार का प्रोसेसिंग चार्ज भी नहीं लिया जाता। इसके तहत लिए जाने वाले लोन पर अलग-अलग ब्याज दर लगते हैं और ये आपके काम की प्रवृति पर निर्भर करता है. हालांकि, न्यूनतम ब्याज दर करीब 12 फीसदी है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऐसे लोग ले सकते हैं लोन?
अगर आप नया कारोबार शुरू करना चाहते हैं या फिर अपने वर्तमान कारोबार को बेहतर तरीके से स्थापित करना चाहते हैं तो उसके लिए आप इस योजना के तहत 10 लाख रुपये तक का लोन ले सकते हैं। इसके लिए आपकी कमाई 17000 रुपये से ज्यादा होनी चाहिए। साथ ही कम से कम दो साल तक जॉब का रिकॉर्ड भी होना जरूरी है। इस योजना के तहत व्यापार, विक्रेता, दुकानदार, छोटे उद्योगपति, निर्माता, कृषि से जुड़े व्यक्ति और व्यापारी जो कारोबार शुरू करना चाहते हैं वो लोन ले सकते हैं।