रायपुर में मिरानिया परिवार के घर पहुंची NIA की टीम

Chhattisgarh Crimesनेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) पहलगाम हमले से जुड़े पहलुओं की जांच कर रही है। रायपुर में भी NIA के अधिकारियों ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है। आतंकी हमले में रायपुर के कारोबारी दिनेश मिरानिया की मौत हुई थी। इस वजह से NIA की स्थानीय टीम यहां भी जांच करेगी।

रायपुर के समता कॉलोनी स्थित मिनारिया परिवार के घर शुक्रवार शाम ये टीम पहुंची। टीम में 3-4 पुरुष और 1-2 महिला अधिकारी शामिल थीं। DSP रैंक के अफसर इस टीम को लीड कर रहे थे।

घर के प्राइवेट स्पेस में अफसरों ने आतंकियों की गोली का शिकार हुए दिनेश मिरानिया की पत्नी, बेटे और बेटी से बात करने का प्रयास किया। ज्यादातर जानकारी NIA को कारोबारी के बेटे शौर्य ने दी। पत्नी से भी घटना को लेकर कुछ बेसिक सवाल अधिकारियों ने पूछे हैं।

बेटी ने बताया आंखों देखा हाल

घटना के वक्त दिनेश की बेटी लक्षिता साथ मौजूद थी, उसने अपनी आंखों से देखा है कि कैसे आतंकियों ने कलमा पढ़ो कहकर पिता को गोली मारी। परिजनों ने फिलहाल घटना का समय, स्थल कौन कहां था ये सब NIA को बताया है।

परिजनों की स्थिति को देखकर जांच टीम ने कोई डीप सवाल नहीं किया है। घरवालों को अफसर ये कहकर लौटे हैं कि कुछ याद आए या ऐसा लगे कि बताना जरूरी है तो संपर्क जरूर करें। कारोबारी की बेटी दुखी है, उससे पूछताछ अभी जांच अधिकारियों ने नहीं की है।

इस वजह से रायपुर में पूछताछ कर रही NIA

मंगलवार 22 अप्रैल को पहलगाम के पर्यटन स्थल में आतंकियों ने 25 पर्यटक और 1 स्थानीय व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना के अगले दिन बुधवार को NIA ने मौके का मुआयना किया। जो लोग घायल हुए या जिनकी मौत हादसे में हुई उनसे भी हर बारीक डिटेल NIA पूछ रही है।

बघेल भी मिलने पहुंचे थे

शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पीड़ित परिवार से मिलने समता कॉलोनी स्थित निवास पहुंचे। इस दौरान उन्होंने परिवार के लोगों से मुलाकात की। मीडिया से बात करते हुए कहा कि, यह पूरी घटना इंटेलिजेंस फेलियर का नतीजा है। इस बात को सरकार ने भी स्वीकार किया है अब इसमें जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।

यह केंद्र शासित राज्य है यहां सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी गृह मंत्रालय पर थी लेकिन एक भी सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं था। न पुलिस का जवान था न पैरा मिलिट्री फोर्स थी न सेना थी। यदि वहां पर सुरक्षा होती तो इतने लोगों की मौत नहीं होती। इसके लिए अमित शाह को भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

NIA क्या है

इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी के नाम से भी जाना जाता है। एनआईए का गठन 31 दिसंबर 2008 को भारत की संसद द्वारा पारित अधिनियम राष्ट्रीय जांच एजेंसी विधेयक 2008 के अंतर्गत किया गया। इस संस्था के पहले महानिदेशक राधा विनोद राजू थे। एनआईए का काम देश में आतंकवादी गतिविधियों को रोकना और भारत में आतंकवाद को समाप्त करना है।

भारत सरकार से इस संस्था को कई विशेष अधिकार मिले हुए हैं। इसमें, आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने वाले लोगों पर ठोस कार्यवाही करके उनकी सम्पति तक सीज करना और उस व्यक्ति या संगठन को आतंकवादी घोषित करना है।

इस संस्था के अंदर राज्य सरकार को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। इस राष्ट्रीय जांच एजेंसी का मुख्यालय नई दिल्ली में है और हैदराबाद, गुवाहाटी, कोच्चि, लखनऊ, मुंबई, कोलकाता, जयपुर, जम्मू और अब रायपुर में इसकी क्षेत्रीय शाखाएं हैं।

क्या हुआ था पहलगाम में

22 अप्रैल की दोपहर करीब 1.30 बजे कश्मीर घाटी के पहलगाम में हुए आतंकवादियों ने हमला कर दिया। पर्यटकों को गोली मार दी। एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ जिसमें एक महिला ने रोते हुए कहा, ‘हम भेलपूरी खा रहे थे, तभी साइड से दो लोग आए। उनमें से एक ने कहा कि ये मुसलमान नहीं लगता है। इसे गोली मार दो और उन्होंने मेरे पति को गोली मार दी।’ इसके बाद खबर आई कि 25 पर्यटकों और एक स्थानीय व्यक्ति को आतंकियों ने गोली मारी, सभी से ये पूछा गया कि क्या वो कलमा पढ़ सकते हैं, न पढ़ पाने पर गोली मार दी गईं।

हमले के बाद के बड़े अपडेट्स…

  • हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी विंग द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली।
  • पाकिस्तान के डिफेंस मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ ने कहा कि इस हमले में हमारा कोई हाथ नहीं है।
  • जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों ने पूछताछ के लिए सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया।
  • नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) भी जांच के लिए पहलगाम पहुंच गई थी।
  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर के पुलिस कंट्रोल रूम में पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी।
  • जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार को बंद का आह्वान किया गया था।
  • आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने श्रीनगर का दौरा किया, अलग-अलग जगहों पर सर्चिंग में कई आतंकी मारे जा चुके हैं।
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