प्रदर्शनी में होमिसाइड (मानवहत्या), सुसाइड (आत्महत्या) और फिलीसाइड (द्वैध आत्महत्याएं) जैसे मृत्यु के अलग-अलग तरीकों को क्राइम सीन (घटनास्थल) के विवरण के साथ दिखाया गया।
प्रदर्शनी में गुढ़ियारी इलाके के एक चर्चित केस का जिक्र भी किया गया जिसमें मृतक के नाखून में फंसे टिश्यू ने मौत का राज खोला था। इसी तरह, खमतराई इलाके में महिला के फांसी लगाने की घटना सामने आई थी। इसमें प्रथम दृष्ट्या पुलिस को क्राइम सीन देखकर लगा कि महिला ने फांसी लगाई है। लेकिन जो साक्ष्य जुटाए और जो महिला के शरीर पर साड़ी के रेशे मिले थे उन सब से पता चला कि महिला का पहले गला घोटा गया था, इसके बाद उसे पंखे पर लटका दिया गया। इसके बाद पुलिस ने महिला के पति को गिरफ्तार किया। इस केस से यह पता चलता है कि अपराधी कितना भी शातिर हो, कोई न कोई सुराग जरूर छोड़ जाता है।
पोस्टमार्टम के विभिन्न पहलूओं की जानकारी
प्रदर्शनी के मुख्य आयोजनकर्ता डॉ. नागेन्द्र सोनवानी ने कहा कि विभाग में ऑटोप्सी के लिए कई ऐसे केस आए जिनमें पहले मौत का कारण सामान्य लगा लेकिन पोस्टमार्टम और घटना स्थल से पता चला कि उसकी हत्या हुई है। विभागाध्यक्ष डॉ. स्निग्धा जैन ने बताया कि छात्रों को फोरेंसिक मेडिसिन विभाग में होने वाले मेडिको लीगल पोस्टमार्टम के विभिन्न पहलूओं के बारे में गहराई से जानकारी देने के लिए इसका आयोजन किया गया है।