Raipur: विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को पुलिस भर्ती प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी का मुद्दा गूंजा। इसमें विपक्ष के कड़े तेवर देखने को मिले। सत्ता पक्ष की तरफ से डिप्टी सीएम ने भी तर्कों के साथ अपना जवाब रखा। डिप्टी सीएम ने राजनांदगांव और बिलासपुर में पुलिस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की बात स्वीकार और बताया कि शिकायत मिलने के बाद जांच टीम ने 95000 वीडियो देखा गया है। इसमें 129 गलत प्रकरण मिले हैं। मामला कोर्ट में है। इस मामले में कांग्रेस विधायक द्वारिकाधीश यादव ने सीबीआई जांच की मांग की, तो डिप्टी सीएम व गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, अच्छी बात यह है कि पिछले दो दिनों से केंद्रीय एजेंसियों के प्रति विश्वास बढ़ रहा है।जबकि पांच साल विपक्ष की सरकार थी, तो सीबीआई की एंट्री बैन थीं। प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक यादव ने पुलिस भर्ती की गड़बड़ी के संबंध में मिली शिकायतों की जानकारी मांगी। डिप्टी सीएम ने बताया कि राजनांदगांव में पुलिस उप अधीक्षक ने गड़बड़ी को पकड़ा था। बिलासपुर में दो शिकायतों के आधार पर जांच की गई है। राजनांदगांव में भर्ती परीक्षा निरस्त की गई। इस मामले में 16 लोग जेल में बंद है। जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने 5 साल तक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं की थीं।
बचा रहे बड़े अधिकारियों को
कांग्रेस विधायक यादव ने कहा, आपने आरक्षक पर कार्रवाई की, लेकिन क्या आरक्षक गड़बड़ी कर सकता है? सक्षम अधिकारी पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? इस पर डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा किस स्तर पर गड़बड़ी हुई है, उसे समझना होगा। जिसने गड़बड़ी की है, उसके खिलाफ कार्रवाई की गई है। कांग्रेस विधायक चातुरीनंद ने कहा कि मेरे क्षेत्र में एक आरक्षक ने आत्महत्या की। उसने हथेली में आत्महत्या का कारण लिखा था। इस पर डिप्टी सीएम ने कहा, इस मामले में आईजी खुद जांच कर रहे हैं. निश्चित ही कार्रवाई होगी।
जब विधानसभा अध्यक्ष ने विधायक रिकेश को दी नसीहत
प्रश्नकाल में विधायक रिकेश सेन ने औद्योगिक क्षेत्र व जवाहर नगर में 100 बिस्तर अस्पताल खोलने का मुद्दा उठाया। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने दुर्ग-भिलाई के आसपास में स्वास्थ्य सुविधा की जानकारी दी और कहा, जवाहर नगर में 100 बिस्तरों का अस्पताल नहीं खोला जा सकता। इस पर विधायक सेन ने कहा, क्या आपके विधानसभा में ऐसी स्तिथि होती तो आप अस्पताल खोलते कि नहीं।
इस पर विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. रमन सिंह ने नाराजगी जाहिर की और कहा, यह बिल्कुल गलत तरीका है। मंत्री पूरे प्रदेश को ध्यान में रखकर योजना बनाते हैं। प्रश्न में सम्मान झलकाना चाहिए। प्रश्न करें, कठोरे से कठोर प्रश्न करें, लेकिन उसमें विनम्रता और सम्मान होना चाहिए।