कई दिनों से बंद है राजधानी रायपुर का रजिस्ट्री कार्यालय, करोड़ों के जमीन सौदे रुके

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। राजधानी में गत 17 दिनों से जिला रजिस्ट्री कार्यालय में जमीनों की रजिस्ट्री का कार्य बंद पड़ा हुआ है। अब लॉकडाउन के कारण कार्यालय 28 सितंबर तक बंद ही रहेगा। अगर लॉकडाउन आगे बढ़ती है तो तकरीबन एक माह तक ताला लटके रहने की संभावना है। रजिस्ट्री नहीं होने से क्रेता और विक्रेताओं दोनों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। बड़ी संख्या में लोग रजिस्ट्रार कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। रजिस्ट्री का कार्य बंद होने से सरकार को रोजाना 2 करोड़ रुपए राजस्व का भी नुकसान हो रहा है।

रायपुर में 6 सितंबर से बन्द है प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री

कोविड -19 महामारी के चपेट में रजिस्ट्री कार्यालय के 25 स्टॉफ आने के बाद रजिस्ट्री बंद है। अब 22 सितंबर से लॉकडाउन शुरू हो गया था। लॉकडाउन के चलते पंजीयक कार्यालय में प्रॉपर्टी खरीदी और बिक्री के बाद होने वाली रजिस्ट्री का कार्य बंद पड़ा हुआ है। रायपुर में रोजाना औसतन 250 से अधिक प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री होती है। इसमें शासन को करीब 2 करोड़ रजिस्ट्री शुल्क प्राप्त होता है। इस प्रकार 1 महीने में शासन को करीब 46 करोड़ रुपए का राजस्व मिलता है।

मजदुर से लेकर बिल्डर तक परेशान

पंजीयन कार्यालय के बंद होने से बैंकों द्वारा स्वीकृत किए गए ग्राहकों के ऋण का भुगतान नहीं हो पा रहा है। बिल्डरों के पास पैसा ना आने से मजदूर, ठेकेदार, सप्लायर, बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर सभी की चेन रुकी हुई है ।

ई रजिस्ट्री के स्लॉट की बुकिंग भी बंद

आॅनलाइन के जरिए पंजीयन स्टांप की भी बुकिंग होती है, लेकिन पिछले ६ सितंबर से ई रजिस्ट्री के स्लॉट की बुकिंग नहीं हो रही है। आने वाले समय में जब भी रजिस्ट्री शुरू होगी, तो फिर से उसके स्लाट को री शेड्यूल कराना पड़ेगा।

खुलने पर बदल जाएगा नियम

सामान्य दिनों में तकरीबन 150 रजिस्ट्री होती थी, लेकिन अब सुबह 10:30 से शाम 4:30 बजे तक अधिकतम 35 दस्तावेजों की रजिस्ट्री हो सकेंगी। प्रत्येक रजिस्ट्री के लिए 30 मिनट का समय रखा गया है। रजिस्ट्री नहीं होने से स्टाम्प और पंजीयन शुल्क का नुकसान हो रहा है। लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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