राम-कृष्ण को न मानने का ऐलान करने वाले केजरीवाल के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम का इस्तीफा

Chhattisgarh Crimes

नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम (Rajendra Pal Gautam Resigns) ने रविवार को अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। बीते दिनों उन्हें एक कार्यक्रम में भाग लेते देखा गया था, जहां लोगों ने हिंदू-देवताओं का बहिष्कार करने की शपथ ली थी। इसको लेकर भाजपा ‘आप’ सरकार पर हमलावर थी।

राजेंद्र पाल गौतम ने अपने इस्तीफे के साथ एक चिट्ठी भी लिखी है। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद से मनुवादी मानसिकता के लोग मुझे और मेरे परिवार को धमकी दे रहे हैं। मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं। मैं अपने समाज के हक की लड़ाई आगे भी लड़ता रहूंगा। मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से पार्टी पर कोई आंच आए।

उन्होंने लिखा, मैं राजेंद्र पाल गौतम एक सच्चा देशभक्त एवं मन व हृदय से अंबेडकरवादी हूं। पिछले कुछ वर्षों से मैं लगातार देख रहा हूं कि मेरे समाज की बहन-बेटियों की इज्जत लूटकर उनका कत्ल किया जा रहा है। कहीं मूंछ रखने पर हत्याएं हो रही हैं, कहीं मंदिर में प्रवेश करने पर एवं मूर्ति छूने पर अपमान के साथ पीट-पीटकर हत्या की जा रही है। यहां तक कि पानी का घड़ा छू लेने पर बच्चों तक की दर्दनाक हत्याएं की जा रही हैं। घोड़ी पर बारात तक निकालने पर घृणास्पद हमला कर जान तक ली जा रही है। ऐसी जातिगत भेदभाव की घटनाओं से मेरा हृदय हर दिन छलनी होता है।

मैं 5 अक्टूबर 2022 को अंबेडकर भवन, रानी झांसी रोड पर मिशन जय भीम एवं बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया द्वारा अशोक विजयदशमी के अवसर पर आयोजित बौद्ध धम्म दीक्षा समारोह में समाज का एक सदस्य होने के नाते व्यक्तिगत रूप से शामिल हुआ था। इसका आम आदमी पार्टी और मेरे मंत्रीपरिषद से कुछ लेना-देना नहीं थी। बाबासाहेब के प्रपौत्र राजरत्न अंबेडकर द्वारा बाबा साहेब की 22 प्रतिज्ञाएं दोहराई गईं, जिसे 10000 से अधिक लोगों के साथ मैंने भी दोहराया। उसके बाद मैं देख रहा हूं कि भाजपा हमारे नेता अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को निशाना बना रही है, यह मेरे लिए बहुत ही दुखदायी है।

अरविंद केजरीवाल जी ने मुझे बहुत सम्मान और सहयोग दिया है, जिसके लिए मैं सदैव उनका आभारी रहूंगा। मैं पार्टी द्वारा भारत को मजबूत करने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, रोजगार, महिला एवं बाल सुरक्षा एवं समाज कल्याण के लिए उठाए गए कदमों की हृदय से सराहना करता हूं। इसी राह पर चलने से ही बाबासाहेब अंबेडकर के सपने साकार होंगे।

भाजपा इस मामले में गंदी राजनीति कर रही है और इससे आहत होकर मैं अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं नहीं चाहता की मेरी वजह से मेरे नेता अरविंद केजरीवाल और मेरी पार्टी पर किसी तरह की आंच आए। मैं पार्टी का सच्चा सिपाही होने के नाते बाबासाहेब द्वारा दिखाए गए न्याय संगत और समता मूलक संवैधानिक मूल्यों का आजीवन निर्वाह करूंगा। मैं अपनी बहन-बेटियों और समाज के लोगों के हक और अधिकार की लड़ाई को पूरे जीवन मजबूती से लडूंगा।

गौतम ने कहा कि कुछ मनुवादी मानसिकता के लोग सोशल मीडिया व फोन पर मुझे, मेरे परिवार और साथियों को जान-माल का नुकसान पहुंचाने की धमकी दे रहे हैं, लेकिन मैं इनसे डरने वाला नहीं हूं। मैं अपने समाज के हक व अधिकार की लड़ाई को बेहद हिम्मत, ईमानदारी एवं मजबूती के साथ लडूंगा। समाज के हक की इस लड़ाई में यदि मुझे अपनी कुर्बानी ही क्यों न देनी पड़े, लेकिन मैं इस लड़ाई को रुकने नहीं दूंगा।

बता दें कि, 5 अक्टूबर को गौतम ने खुद ट्विटर पर इस कार्यक्रम की तस्वीरें साझा की थीं। उन्होंने कहा था कि दस हजार से अधिक लोगों ने बौद्ध धर्म अपनाने और भारत को जातिवाद व छुआछूत से मुक्त कराने की दिशा में काम करने का संकल्प लिया।

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