बरबसपुर महानदी से रेत खनन भी हो रहा है और बाहर भी भेजा जा रहा है, लेकिन भंडारण स्थल पर रेत की मात्रा ज्यों की त्यों!

रेत के अवैध कारोबारियों ने रेती चोरी करने ईजाद की नई तरकीब…

Chhattisgarh Crimes

महासमुंद। जिले के रेत खनन कर्ताओं ने रेत चोरी की नई तरकीब ईजाद की है। इस तरकीब से महानदी का रेत भी निकाला जाएगा और भंडारण स्थल पर की गई रेत भंडारण में मात्रा की कमी भी नहीं होगी। जी हां ऐसा ही कुछ बरबसपुर और बड़गांव रेत खनन करने वाले खनन कर्ताओं द्वारा किया जा रहा है। अब इन रेत खनन कर्ताओं ने अपने बचाव के लिए इस अवैध कारोबार में ग्रामीणों को भी शामिल कर रहे हैं। ताकि जिला प्रशासन व खनिज विभाग किसी दबाव में आकर जब भी कोई कार्यवाही करें तो ग्रामीणों को इसका शिकार बनाया जा सके। और उनके रेत के अवैध कारोबार फलता फूलता रहे।

महासमुंद जिले के कलेक्टर डोमन सिंह ने जून माह में जनसंपर्क विभाग के माध्यम से मीडिया में प्रकाशित करने के लिए एक खबर जारी किया था। जिसमें 15 जून 2021 से जिले भर में रेत उत्खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया था। लेकिन रेत उत्खनन रूकने के बजाए और तेजी से रेत खनन तथा भंडारण किया जा रहा है। जबकि पहली बार महासमुंद जिले के इतिहास में रेत के अवैध कारोबार का पहला मामला होगा, जब किसी रेत खनन कर्ताओं द्वारा इतने भारी पैमाने पर रेत का अवैध रूप से उत्खनन और भंडारण किया जा रहा है। अब इन रेत खनन कर्ताओं ने ग्रामीणों को थोड़े से पैसों की लालच देकर उन्हें भी इस रेत के अवैध कारोबार में शामिल कर लिया है।

ग्रामीणों के 35 से 40 ट्रैक्टर महानदी से रेत निकालने में उपयोग किया जा रहा है। महानदी से ट्रैक्टर के जरिए रेत को किनारे पर लाया जाता है। इसके बाद भंडारण स्थल से जेसीबी मशीन के जरिए हाईवा में लोड कर बाहर भेजा जा रहा है। महानदी से उत्खनन भी हो रहा है और बाहर भी भेजा जा रहा है। लेकिन भंडारण स्थल में रेत की मात्र ज्यों की त्यों बनी हुई है। नाम ना लिखने की शर्त पर ग्रामीणों ने बताया कि गांव वाले अपने निजी कार्य के लिए महानदी से रेत निकालने पर बड़े पैमाने पर रेत का अवैध कारोबार करने वाले खनिज विभाग को इसकी शिकायत की जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि कई दफा खनिज विभाग द्वारा अवैध भंडारण का जब्ती प्रत्रक पर हस्ताक्षर करने का दबाव भी डाला जाता है।

सूत्रों का कहना है जिन लोगों ने प्रचुरमात्रा में अवैध रूप से रेत का भंडारण कर रखा है उनके मठाधीश के द्वारा छोटे रेत कारोबारियों पर कार्यवाही के लिए खनिज विभाग को निर्देशित किया जाता है। सूत्रों का यह भी दावा है कि राजधानी में रेत की कीमत कम होने के कारण जिन्होंने अधिक रेत भंडारण कर रखा है उन्हें नुकसान से उबारने के लिए ही दिखावे की कार्यवाही की जाती है। बहरहाल रेत के अवैध खनन और भंडारण में ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के गाइडलाइन सिर्फ कागजों पर सिमट कर रह गई है।

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