सरकारी एंबुलेंस बीमार… बिलासपुर की 102 महतारी एक्सप्रेस, संजीवनी एक्सप्रेस 108 में संसाधनों की कमी

Chhattisgarh Crimesबिलासपुर। संजीवनी एक्सप्रेस 108 महत्वपूर्ण चिकित्सकीय सेवाओं में से एक है। इसकी मदद से ही सड़क दुर्घटना में आहत होने वाले, अचानक तबीयत बिगड़ने पर पीड़ित को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जान बचाने का काम किया जाता है। वहीं, धीरे-धीरे इसकी सेवाएं कमतर होने लगी है।इस ओर स्वास्थ्य विभाग भी ध्यान नहीं दे रहा है। इसी वजह से एंबुलेंस में कई प्रकार की जरूरी चिकित्सकीय सेवा अक्सर नहीं मिल पा रही है। एंबुलेंस में मापदंड के अनुरूप चिकित्सकीय उपकरण व अन्य चिकित्सकीय किट का अभाव देखने को मिल रहा है।

इसी वजह से कई बार जब गंभीर मामलों में मरीज या फिर किसी आहत को अस्पताल पहुंचाया जाता है, उस दौरान आहतों को सही प्राथमिक उपचार नहीं मिल पा रहा है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शासन स्तर पर 108 संजीवनी एक्सप्रेस और गर्भवती महिलाओं को समय पर अस्पताल पहुंचाने और उनका पूरा इलाज कराने के लिए 102 महतारी एक्सप्रेस का संचालन किया जाता है।

दोनों एंबुलेंस सेवाएं हैं महत्वपूर्ण
ये दोनों ही सेवा अति महत्वपूर्ण सेवाओं में से एक है। दरअसल, जब चिकित्सकीय आपातकालीन सेवा की मदद लेनी होती है, तो लोग इन सेवाओं का उपयोग करते हैं। एक तरह से ये समय पर मरीज को अस्पताल पहुंचाकर जान बचाने का काम करते हैं।

वहीं, कई बार कुछ ऐसा होता है कि एंबुलेंस में जरूरी जीवन रक्षक उपकरण और दवा नहीं होने की वजह से मामला बिगड़ जाता है। इसी वजह से लगभग दो महीने पहले कोरबा जिला अंतर्गत अस्पताल ले जाते समय एक गर्भवती महिला के साथ उसके गर्भ में पल रहे दो नवजात की मौत का मामला सामने आया है।

इसमें यह बात सामने आई कि महिला को ऑक्सीजन की आवश्यकता थी। मगर, ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं होने से मौत हो गई। कुछ ऐसा ही हाल जिले में संचालित होने वाली एंबुलेंस की भी है।

ये हैं जिम्मेदार
स्वास्थ्य विभाग: स्वास्थ्य विभाग को संजीवनी एक्सप्रेस और महतारी एक्सप्रेस के सही संचालन को सुचारु रूप से चलाए रखने की जिम्मेदारी है। इन्हें समय-समय पर एंबुलेंस का निरीक्षण कर कमियों को दूर करना रहता है। इस ओर विभाग के जिम्मेदार अधिकारी बिलकुल भी ध्यान नहीं देते हैं। परिणाम स्वरूप ठेका कंपनी अपने हिसाब से इनका संचालन कर रही है और व्यवस्था बिगड़ती ही जा रही है।

ठेका कंपनी: संजीवनी एक्सप्रेस के संचालन का ठेका जय अंबे कंपनी को मिला है। प्रदेश में इनकी निगरानी में संजीवनी एंबुलेंस का संचालन हो रहा है, जो एंबुलेंस में होने वाले जीवन रक्षक चिकित्सकीय उपकरण पर ध्यान नहीं दी रही है। कई बार इसकी वजह से गंभीर परिणाम सामने आते हैं।

एंबुलेंस में रहनी चाहिए ये चिकित्सकीय सुविधाएं
ऑक्सीजन सिलिंडर, बीपी, शुगर, ऑक्सीजन प्लस मीटर, जीवन रक्षक दवाएं, स्ट्रेचर, दर्द नाशक इंजेक्शन के साथ ही एक ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) स्टाफ होना बेहद जरूरी है।

मगर, एंबुलेंस में एक साथ ही सभी चिकित्सकीय साधनों का होना मुमकिन नजर नहीं आता है। कमियों के बीच इनका संचालन किया जा रहा है। इसी वजह से कई बार अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में ही मरीज दम तोड़ देते हैं।

महतारी कर रही ड्रॉप केस पूरा कर खानापूर्ति
102 महतारी एक्सप्रेस को लेबर मामलों के लिए चलाया जाता है। इसमें गर्भवती महिलाओं के साथ प्रसूताओं को समय पर अस्पताल पहुंचाना, फॉलोअप के लिए लाना, इलाज होने के बाद घर तक पहुंचाना इसका मुख्य काम है।