12 करोड़ की बिल्डिंग अधूरी पर कंम्प्लीशन रिपोर्ट दे दी
कामधेनु विश्वविद्यालय के अंतर्गत बिलासपुर में लगभग 12 करोड़ रुपए की लागत से दो मंजिला वेटनरी कॉलेज का भवन बनाना था। ये अधूरा है, लेकिन ठेकेदार को पूर्णता प्रमाण-पत्र दे दिया गया और सुरक्षा निधि के 50 लाख रुपए भी लौटा दिए गए। काम की शुरुआत 2017 में हुई थी, लेकिन आज तक पूरा नहीं हो सका।
सिम्स के डॉक्टरों को मिलनी थी ट्रेनिंग: बिलासपुर से लगे सीपत में 8 करोड़ रुपए की लागत से 100 बिस्तर का अस्पताल तैयार हुआ था। इसके रखरखाव की जिम्मेदारी सीजीएमएससी को दी गई थी। यहां खिड़की, दरवाजे सब चोरी हो गए हैं।
मवेशियों का जमावड़ा बसेरा और शराबियों ने अपना अड्डा बना लिया है। अस्पताल का काम 2018 में ही पूरा हो चुका है, लेकिन अब तक डॉक्टर, स्टाफ की नियुक्ति नहीं हो सकी है। उपकरण भी नहीं लग पाए हैं। इसके चालू होने से आसपास के 40 गांव के लोगों को फायदा होता। सिम्स के डॉक्टरों की यहां ट्रेनिंग भी कराने का उद्देश्य था।
13.44 करोड़ के ऑडिटोरियम में झाड़ियां उगीं
साइंस कॉलेज में 720 सीटों की क्षमता वाले ऑडिटोरियम के लिए 9 मार्च 2017 को वर्कऑर्डर जारी किया गया था। इसे 19 जून 2019 तक पूरा करना था। निर्माण में देरी से तीन साल में ही लागत 13.44 करोड़ रुपए से बढ़कर 22 करोड़ रुपए हो गई। अतिरिक्त राशि की मंजूरी न मिलने से ऑडिटोरियम अब खंडहर में तब्दील हो रहा है। यहां झाड़ियां उग आई हैं। शराबियों ने अपना डेरा बना लिया है।
7.63 करोड़ रुपए का एक और ऑडिटोरियम जर्जर
इंजीनियरिंग कॉलेज में 7.63 करोड़ की लागत से ऑडिटोरियम के लिए 2018 में वर्कऑर्डर हुआ। एक साल में इसे पूरा करना था। कॉलेज प्रबंधन ने पेमेंट नहीं किया, इसलिए अधूरा रह गया। अब जर्जर हो चुका है। इसका छात्रों को कोई फायदा नहीं हुआ।
डेढ़ करोड़ रुपए के 30 बंगले अधूरे, क्योंकि फंड नहीं?
2008 में एमआईजी, एचआईजी 30 बंगलों का निर्माण किया गया था। हाउसिंग बोर्ड ने 4 करोड़ रुपए का प्रस्ताव शासन के पास भेजा था, जिसमें 1.5 करोड़ रुपए बोर्ड को दिए गए थे। बकाया न मिलने से काम अधूरा रह गया। अब ये मकान खंडहर हो गए।
ओपन यूनिवर्सिटी में 4.6 करोड़ रु. का हॉस्टल बेकार
पंडित सुंदरलाल ओपन यूनिवर्सिटी में 4.6 करोड़ रुपए से हॉस्टल का निर्माण किया गया है, जबकि छात्रों के रुकने की जरूरत नहीं थी। 3 साल पहले यह तैयार हुआ। अब इसमें दरारें आ गई हैं। अफसरों की लापरवाही से ये भवन भी खंडहर बनता जा रहा है।