सस्ती यातायात सेवा का रास्ता साफ, राजधानी में चलेंगी 100 ई-सिटी बसें

Chhattisgarh Crimesशहर में ई-सिटी बसें चलने से काफी हद तक प्रदूषण कम होगा और राजधानी के लोगों को सस्ती यातायात सेवा भी मिलेगी। इसका लंबा समय से इंतजार है। केंद्र सरकार से 100 ई-बसें देने की घोषणा की गई, लेकिन एजेंसी तय करने में काफी समय लगा है। अब जाकर चार्टडेड स्पीड लिमि. अहमदाबाद की एजेंसी तय हुई है।

रायपुर के लिए मिली 100 ई-बसें

यही कंपनी शहर के सभी मार्गों और आसपास के शहरों के बीच ई-बसों का संचालन करेंगी। इसके लिए 62.20 रुपए प्रति किमी के हिसाब से रेट तय हुआ है। निगम के अफसरों के अनुसार राजधानी एवं आसपास के लोगों को सस्ते किराए पर सार्वजनिक यातायात सुविधा का रास्ता साफ हो रहा है। रायपुर के लिए 100 ई-बसें मिली हैं, जिसकी खरीदारी केंद्र सरकार की एजेंसी करेगी।

रायपुर में संचालन करने वाली एजेंसी तय हो गई है, लेकिन बसें कब तक आएंगी, यह स्थिति अभी साफ नहीं हुई है। जबकि राजधानी के लोगों को पिछले दो सालों से ई-बसें चलाने का भरोसा दिया जा रहा है। अब जाकर प्रक्रिया आगे बढ़ रही है।

तैयारियां तेजी से चल रही

प्रदीप यादव, कार्यपालन अभियंता, निगम: ई-बसें चलाने की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। इससे शहर के सभी 70 वार्डों के अलावा आसपास के शहरों के बीच लोगों को अच्छी सुविधा होगी। एजेंसी तय हो गई। डिपो बनाने का काम अगले महीना शुरू हो जाएगा।

67 में से 25 ही चली, बाकी कबाड़खाने में

पंडरी बस डिपो में अधिकांश सिटी बसें कबाड़खाने में तब्दील हो चुकी हैं। सिटी बसें चलाने का ठेका मनीष ट्रेवल्स एजेंसी को मिला था और आसपास शहरों के बीच 67 सिटी बसों का संचालन होता है, उनमें से केवल 25-30 बसें ही किसी-किसी रूट पर चल पाई हैं। बाकी बसों के पहिए, इंजन, सीटें जर्जर हालत में हैं। 17 बसें एसी थीं।

वह भी कबाड़ हो गई। इसके लिए जो बस स्टैंड बनाए, वह विज्ञापन होर्डिंग का जरिया बन चुका है। कुछ बसों जो ठीक-ठाक थी, उनमें ही सुधार के नाम पर 85 लाख रुपए खर्च किए। ऐसी स्थिति में शहर के लोगों को सस्ती यातायात सेवा से वंचित होना पड़ा है।

अभी दो से तीन गुना कट रही जेब

सार्वजनिक यातायात सुविधा राजधानी में काफी लचर है। इस वजह से लोगों को दो से तीन गुना ज्यादा किराया देकर रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड सहित आसपास के क्षेत्रों तक आवाजाही करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

Exit mobile version