महादेव सट्टा में मनी लॉड्रिंग, हवाला और भ्रष्टाचार की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसी सीबीआई ने राजधानी के डेढ़ दर्जन पुलिस कर्मियों को नोटिस जारी किया है। उन्हें पूछताछ के लिए पुलिस लाइन स्थित ऑफिसर्स मेस में बुलाया जा रहा है। रायपुर के अलावा दुर्ग पुलिस को भी समंस जारी हुआ है। क्योंकि महादेव में सबसे ज्यादा कार्रवाई इन्हीं दो शहरों में हुई है।
रायपुर और दुर्ग के साइबर सेल में पदस्थ आधा दर्जन अधिकारी-कर्मचारियों को भी समंस जारी हुआ है, जिन्होंने तकनीकी जांच की है। या फिर आरोपियों को पकड़ने वाली टीम में शामिल रहे हैं। तत्कालीन साइबर सेल प्रभारियों से भी पूछताछ की तैयारी है। इधर जिन आईपीएस, एएसपी, टीआई से लेकर हवलदार-सिपाही के यहां छापा पड़ा था, उनसे सीबीआई लगातार पूछताछ कर रही है। एक सीनियर आईपीएस से 5 घंटे पूछताछ की गई। दूसरे आईपीएस को दो घंटे में ही पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। एएसपी और टीआई से 6-6 घंटे तक बैठाकर रखा गया है। बैंक का ट्रांजेक्शन दिखाकर लेन-देन की जानकारी ली गई।
एक आईपीएस से मॉल और होटल का बिल दिखाकर पूछा गया कि उसका पेमेंट कौन किया है? फ्लाइट की टिकट किसने कराई है? क्योंकि अधिकारी ने अधिकांश जगह खुद पेमेंट नहीं किया है। किसी दूसरे व्यक्ति ने उनके रूकन, खाने और शॉपिंग का पेमेंट किया है। सीबीआई की टीम रायपुर के एक मॉल की भी जानकारी जुटा रही है। यहां एक अधिकारी ने खूब खरीदारी की है। उनके नाम से सामान का बिल तो है, लेकिन पेमेंट उनके खाते से नहीं हुआ है।
होटल मालिक, सराफा कारोबारी और यार्ड संचालक से भी पूछताछ :
सीबीआई ने होटल-क्लब मालिक, सराफा कारोबारी, बिल्डर और यार्ड चलाने वाले से भी पूछताछ की है। इनका सट्टेबाजी के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, शुभम सोनी, जेल में बंद सतीश चंद्राकर और चंद्रभूषण वर्मा से संबंध रहा है। सौरभ की शादी में दुबई जाने वालों को भी तलब किया गया है। महादेव सट्टा से जुड़े लोगों से लगातार सीबीआई पूछताछ कर रही है। अब तक 110 से ज्यादा लोगों को इस मामले में पूछताछ हो चुकी है।
हवाला की जांच कर रही सीबीआई :
सीबीआई ने सराफा कारोबारी सुनील दम्मानी से भी लंबी पूछताछ की है। सुनील और उसके भाई अनिल को ईडी ने हवाला मामले में गिरफ्तार किया था। दोनों भाई जेल में बंद थे। उन्हें बाद में कोर्ट से जमानत मिल गया। सीबीआई अधिकारियों का हवाला कनेक्शन तलाश कर रही है। इसलिए जेल में बंद कोलकाता के बड़े हवाला कारोबारी हरीश टिबड़ेवाल से भी पूछताछ के लिए सीबीआई गई है। उसे पूछताछ के बाद ही सीबीआई ने कोलकाता के अलग-अलग ठिकानों में छापेमारी की है।
तीन साल में 10-10 मोबाइल बदले
सीबीआई की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि कुछ आईपीएस, राज्य सेवा के अधिकारी समेत कई हवलदार और सिपाही पिछले तीन साल में 10 से ज्यादा मोबाइल बदल चुके हैं। हर बार एप्पल का एक से डेढ़ लाख का मोबाइल खरीदे। पुराने मोबाइल को तोड़ दिए हैं। सीबीआई उनके पुराने मोबाइल की तलाश कर रही है, लेकिन पुलिस वाले इस बारे में जानकारी नहीं दे रहे हैं। सीबीआई यह भी जांच कर रही है कि 45 हजार का वेतन पाने वाला पुलिसकर्मी एक लाख का मोबाइल कैसे चला रहा है? उसने कैसे मोबाइल खरीदा है? या किसी ने दिया है तो क्यों दिया है? मोबाइल देने वालों से भी पूछताछ होगी।