पति ने ईसाई धर्म अपना लिया
पीड़ित महिला ने बताया कि, मैं दलित समाज से हूं, मेरी शादी साल 2016 में हिंदू रीति-रिवाज से हुई थी. इस शादी से मेरे दो बच्चे हैं. मेरे पति पहले हिंदू धर्म का पालन करते थे. शादी के कुछ समय बाद ही वह ईसाई धर्म अपनाने लगा। इसके बाद कुछ समय तक तो सब ठीक रहा, फिर अचानक मुझे धर्म बदलने के लिए मजबूर किया गया। जब मैंने मना किया तो घर में झगड़े होने लगे। इससे बचने के लिए मैं अपने पति के साथ चर्च जाने लगी, वहां प्रार्थना में शामिल होने लगी। इसके बाद कुछ दिनों तक तो मेरा पति ठीक रहा, लेकिन फिर वह मुझे धर्म बदलने के लिए मजबूर करने लगा। वह मुझे मारने-पीटने लगा। वह मुझे और मेरे बच्चों को प्रताड़ित करने लगा।
बताया जा रहा है कि धर्म परिवर्तन के लिए मिशनरी ज्यादातर झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को निशाना बनाते हैं। वे झुग्गी-झोपड़ी की महिलाओं को प्रार्थना से जोड़ते हैं, ताकि उनके पति की शराब की लत छुड़वा सकें। इसके बाद वे धीरे-धीरे दूसरी महिलाओं को भी साथ ले लेते हैं। उनके साथ पिकनिक मनाते हैं। जब उनका विश्वास जीत लेते हैं, तो फिर उनका बपतिस्मा यानी धर्म परिवर्तन करवा देते हैं।
जांच के बाद होगी कार्रवाई
सिविल लाइन टीआई एसआर साहू ने बताया कि पीड़ित महिला ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उसने अपने पति पर ईसाई धर्म अपनाने के लिए मारपीट करने का आरोप लगाया है। महिला की शिकायत पर जांच की जा रही है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। बिलासपुर में यहां हो रहा धर्मांतरण जिले के सिरगिट्टी, पचपेड़ी, बेलगहना, रतनपुर, सीपत, चिंगराजपारा, चांटीडीह, सकरी, हाफा, मोपका, घुरू, तिफरा मन्नाडोल, मस्तूरी, लखराम, हरदीकला टोना समेत शहर के स्लम इलाकों में धर्मांतरण का खेल चल रहा है। मिशनरी संगठन से जुड़े लोग इन जगहों पर प्रार्थना सभा आयोजित करते हैं, जिसकी आड़ में लोगों का धर्मांतरण कराया जा रहा है।