छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में EOW की रिमांड पर चल रहे पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को आज स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा। 5 दिन अधिकारियों ने लखमा से पूछताछ की है। आज कोर्ट में सुनवाई के दौरान EOW फिर से रिमांड बढ़ाने की मांग कर सकती है।दरअसल, जेल में बंद लखमा को प्रोडक्शन वारंट पर लेने EOW ने आवेदन लगाया था। 2 अप्रैल के बाद सुनवाई के बाद कोर्ट ने कवासी लखमा को 7 अप्रैल तक कस्टोडियल रिमांड पर EOW को सौंपा था।सरकार मुझे परेशान कर रही- लखमा
पिछली सुनवाई के दौरान कवासी लखमा ने कोर्ट के बाहर मीडिया से कहा था कि, मैं गरीब आदमी हूं। बस्तर की आवाज विधानसभा में उठाता हूं। जनता की आवाज और बस्तर की आवाज उठाने पर सरकार मुझे परेशान कर रही है। मैं निर्दोष हूं। बता दें कि लखमा 16 जनवरी 2025 से जेल में बंद हैं।पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के घर भी पड़ा था छापा
छत्तीसगढ़ के 2161 करोड़ के शराब घोटाले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा के बाद ED ने 10 मार्च को पूर्व सीएम भूपेश बघेल, उनके करीबी नेताओं और कारोबारियों के 14 ठिकानों पर छापेमारी की थी। सुबह 7 बजे से शुरू हुई जांच शाम 6 बजे तक 11 घंटे चली।
करीब 20 ईडी अफसरों की टीम CRPF के जवानों के साथ सीधे पदुम नगर स्थित पूर्व मुख्यमंत्री के निवास में कार्रवाई चली और टीम शाम 6 बजे टीम लौट गई थी।
ED का आरोप- लखमा सिंडिकेट का अहम हिस्सा थे
ED का आरोप है कि, पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कवासी लखमा सिंडिकेट के अहम हिस्सा थे। लखमा के निर्देश पर ही सिंडिकेट काम करता था। इनसे शराब सिंडिकेट को मदद मिलती थी। वहीं, शराब नीति बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे छत्तीसगढ़ में FL-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई।
ED का दावा है कि लखमा को आबकारी विभाग में हो रही गड़बड़ियों की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने उसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया।कमीशन के पैसे से बेटे का घर बना, कांग्रेस भवन निर्माण भी
ED के वकील सौरभ पांडेय ने बताया कि, 3 साल शराब घोटाला चला। लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे। इस दौरान 36 महीने में लखमा को 72 करोड़ रुपए मिले। ये राशि उनके बेटे हरीश कवासी के घर के निर्माण और कांग्रेस भवन सुकमा के निर्माण में लगे।
ED ने कहा था कि छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है। शराब सिंडिकेट के लोगों की जेबों में 2,100 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध कमाई भरी गई।
घोटाले की रकम 2161 करोड़
निदेशालय की ओर से लखमा के खिलाफ एक्शन को लेकर कहा गया कि, ED की जांच में पहले पता चला था कि अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अन्य लोगों का शराब सिंडिकेट छत्तीसगढ़ राज्य में काम कर रहा था। इस घोटाले की रकम 2161 करोड़ रुपए है।