कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात, 6 फीसदी DA वृद्धि पर सहमति

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। डीए व एचआरए को लेकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रतिनिधि मंडल ने आज रात आठ बजे मुख्यमंत्री निवास पर सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात की। इस दौरान कर्मचारियों ने पेंशनरों के महंगाई भत्ता, सांतवे वेतनमान के आधार पर ग्रह भाड़ा भत्ता को पुनरीक्षित करने सहित छह सूत्रीय मांग पर विस्तार से चर्चा की।

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रतिनिधि मंडल की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से 13अगस्त रात्रि आठ बजे मुख्यमंत्री निवास में शासन के आमंत्रण पर राज्य के कर्मचारियों, पेंशनरों के महंगाई भत्ता, सांतवे वेतन मान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता को पुनरीक्षित करने सहित छः सूत्रीय मांग पर विस्तार से चर्चा हुई चर्चा के दौरान सामान्य प्रशासन विभाग के संयुक्त सचिव संजय अग्रवाल उपस्थित थे।

महासंघ के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला ने मुख्यमंत्री के समक्ष कर्मचारियों को देय तिथी से 12 प्रतिशत डी ए तथा सातवे वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता की मांग को प्रमुखता से रखा मुख्यमंत्री ने प्रदेश की वित्तीय स्थिति को देखते हुए 6 प्रतिशत डी ए देने की जा सकता है, इस पर शुक्ला ने देय तिथि से देने एवम एरियर राशि को भविष्य निधि में जमा करने तथा शेष किश्त दिवाली तक देने एवम गृह भाड़ा भत्ता को पुनरीक्षित करने का अनुरोध किया जिस पर मुख्यमंत्री ने सहमति व्यक्त करते हुए मुख्यसचिव से चर्चा करने की बात कही स्वास्थ्य कर्मचारियों की।

मांगों को गभीरता से लेते हुए मुख्यसचिव से प्रस्ताव बुलाने का निर्देश दिया प्रतिनिधिमंडल में कर्मचारी अधिकारी संगठनों के प्रतिनिधि ओ पी शर्मा, महेंद्र सिंह राजपूत, संजय तिवारी, पवन साहू, कमलेश राजपूत, सुनील यादव, अशोक कुमार नवरे, सतीश पसेरिया, करन सिंह अटेरिया, शिवकुमार पाण्डेय, डॉक्टर जी आर चतुर्वेदी सम्मलित थे, यह जानकारी महासंघ के प्रवक्ता संजय तिवारी ने दी।

बड़ा सवाल क्या 22 से हो पाएगा अनिश्चितकालीन हड़ताल ?

आज जो घटनाक्रम निकल कर सामने आया है उससे यह तय है कि आने वाले दो-चार दिनों में डीए की विधिवत घोषणा हो जाएगी। इसके बाद हड़ताल होने पर संशय नजर आ रहा है। क्योंकि, शिक्षक संवर्ग इस हड़ताल से दूरी बना सकते हैं। जिस प्रकार से उनके वेतन में कटौती हुई है इससे उनके मन में डर भी है और फेडरेशन के प्रति नाराजगी भी। क्योंकि जिसके बलबूते हड़ताल किया था उन्होंने विरोध तक करना उचित नहीं समझा। यही नहीं आज पर्यंत तक हड़ताल के अवकाश समायोजन तक का आदेश जारी नहीं हुआ है। और यदि शिक्षक संवर्ग ने हड़ताल से पैर पीछे खींच लिए तो फिर यह मानकर चलिए की आधी संख्या आंदोलन से दूर हो जाएगी और ऐसी स्थिति में सरकार द्वारा की जाने वाली कार्रवाई भी काफी सख्त होगी। अब देखना होगा कि कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की तरफ से आज हुई मुलाकात पर क्या प्रतिक्रिया आती है और उनके द्वारा होने वाली घोषणा को कैसे लिया जाता है ।

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