सुकमा और बीजापुर बॉर्डर पर खूंखार नक्सली हिड़मा का जमीन के अंदर कांक्रीट का एक और सीक्रेट बंकर मिला

Chhattisgarh Crimesसुकमा और बीजापुर बॉर्डर पर खूंखार नक्सली हिड़मा का जमीन के अंदर कांक्रीट का एक और सीक्रेट बंकर मिला है, जहां वह अंडरग्राउंड होता था। हिड़मा समेत बड़े नक्सल लीडर्स यहीं छिपते थे। ये सीक्रेट बंकर नक्सलियों का अस्थायी ठिकाना था, जिसे जवानों ने ध्वस्त कर दिया है। हिड़मा का ये सीक्रेट बंकर नक्सलियों के कोर इलाके में था। बताया जा रहा है कि नक्सली यहां हथियार भी छिपाते थे। ये दूसरा बंकर है जिसे नक्सलियों ने धराशायी किया है। इसके पहले जवानों को 2 और बंकर मिले थे। यहां नक्सली बम और बंदूक बनाते थे।

 

वहीं इस एक्शन के बाद नक्सली बौखला गए हैं। नक्सलियों ने तीसरी बार पर्चा जारी कर जवानों के लिए लिखा कि, मारते रहोगे तो शांतिवार्ता संभव नहीं, इसलिए एक महीने के लिए ऑपरेशन रोक दिया जाए। बता दें कि फोर्स 2026 तक नक्सलियों के खात्मे की प्लानिंग पर तेजी से काम कर रही है। एक गांव नक्सल मुक्त भी हो चुका है।अब जानिए जवानों को कैसे मिला सीक्रेट बंकर ?

 

दरअसल, शुक्रवार यानी 18 अप्रैल को जीड़पल्ली कैंप से कोबरा 208 बटालियन की टीम ऑपरेशन पर निकली थी। इस दौरान पामेड़ थाना क्षेत्र के मुर्कराजगुटटा के जंगल में जवानों की नजर नक्सलियों के बनाए बंकर पर पड़ी। कांक्रीट से बने इस बंकर की साइज करीब 20×8 है।

 

इस दौरान जवानों ने सतर्कता के साथ बंकर की पूरी तरह से तलाशी ली, ताकि किसी प्रकार का उन्हें नुकसान न पहुंचे। जवानों ने बंकर के अंदर सर्च अभियान चलाया, जहां से सोलर प्लेट समेत नक्सलियों के अन्य जरूरत के सामान मिले हैं। बंकर को नष्ट कर दिया गया है।

 

इसके अलावा फोर्स ने इसी इलाके में अलग-अलग जगहों पर नक्सलियों के 12 और ठिकानों को ढूंढ निकाला है, जहां नक्सली अपना सामान डंप करते थे। जवानों ने सभी जगहों को नष्ट कर दिया है, ताकि नक्सली इन जगहों का दोबारा इस्तेमाल न कर सकें।अब जानिए कब और कैसे मिला था एक और बंकर?

 

3 महीने पहले यानी जनवरी 2025 में सुकमा के तुलमेर में नक्सलियों का बंकर मिला था। बंकर के अंदर नक्सली बम और देसी बंदूक बनाते थे। नक्सली लीडर हिडमा ने अपने इलाके के घने जंगल में यह बंकर बनाया था, जिसे अब DRG के जवानों ने ध्वस्त कर दिया।

 

10 फीट गहरा और 12 से 14 फीट चौड़ा

 

नक्सलियों ने जमीन के अंदर ही करीब 10 फीट गहरा और 12 से 14 फीट चौड़ा बंकर बनाया था। ऊपर लकड़ी रखकर उसे मिट्टी और पत्तों से इस तरह ढका हुआ था कि यदि कोई ऊपर से कोई चला भी जाए तो उसे पता ही नहीं चल पाए।