सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों से कहा- जो खाते 31 अगस्त तक एनपीए नहीं, उन्हें अगले आदेश तक प्रोटेक्शन दिया जाए

Chhattisgarh Crimes

नई दिल्ली। कोरोना काल में बैंक का कर्ज अदा करने में परेशानी महसूस कर रहे व्यवसायियों-उद्योगपतियों को राहत मिली है. इस संबंध में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान इंडियन बैंक एसोसिएशन की ओर से याचिकाकर्ताओं को भरोसा दिलाया गया कि अगले तीन महीने तक न तो कर्ज को लेकर कोई कार्रवाई की जाएगी, और न ही उनका अकाउंट एनपीए घोषित किया जाएगा.

कोरोना काल में बैंक से लिए गए कर्ज को अदा करने में परेशानी महसूस रहे उद्योगपतियों-व्यवसायियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है. मामले की आॅनलाइन हुई सुनवाई में केंद्र सरकार और आरबीआई की ओर से जहां सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखा, वहीं इंडियन बैंक एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने पक्ष रखा. इनके अलावा अनेक पक्षकारों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव दत्ता, कपिल सिब्बल, संजय हेगड़े सहित अन्य अधिक्ताओं ने पक्ष रखा. इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ की ओर से याचिका लगाई गई है, जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता रविंद्र श्रीवास्तव व आशीष श्रीवास्तव व अन्य अधिवक्ताओं ने पैरवी की.

अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि सुनवाई के दौरान इंडियन बैंकिंग एसोसिएशन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सामने याचिकाकतार्ओं को आश्वस्त किया गया कि किसी भी कर्जदारा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. न ही किसी का भी एकाउंट एनपीए नहीं किया जाएगा. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार का पक्ष जानना चाहा. सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखने के लिए कुछ समय मांगा इस पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 सितंबर की तारीख तय की.

Exit mobile version