नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ आज से अंतिम लड़ाई की शुरूआत हो गई है। सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया ने भारत सरकार को आक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन की डिलीवरी कर दी है और इसकी पहली खेप आज ही सुबह पुणे स्थित उत्पादन केंद्र से देश के अलग-अलग वैक्सीन सेंटर के लिए रवाना हुई है। कोरोना वैक्सीन की पहली खेप दिल्ली भेजी गई, जिसे स्पाइसजेट की फ्लाइट ला रही है। पुणे एयरपोर्ट से वैक्सीन को ला रही स्पाइसजेट की प्लाइट सुबह आठ बजे दिल्ली के लिए उड़ान भरी। इससे तीन घंटे पहले पुणे एयरपोर्ट से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सीरम इंस्टीट्यूट के उत्पादन केंद्र से तीन ट्रकों में भरकर वैक्सीन की पहली खेप को हरी झंडी दी गई।
पुणे एयरपोर्ट ने ट्वीट किया और कहा कि तैयार हो जाए इंडिया, इस महामारी को मारने के लिए वैक्सीन को एयरक्राफ्ट में लोड किया जा रहा है, ताकि पूरे देश में इसका वितरण हो सके। तीन तापमान नियंत्रित ट्रकों को सुबह 5 बजे से थोड़ी देर पहले सीरम इंस्टीट्यूट के गेट से पुणे हवाई अड्डे के लिए रवाना किया गया, जहां से पूरे भारत में टीके पहुंचाए जा रहे हैं। बता दें कि सरकार ने एसआईआई से आॅक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ की 1.1 करोड़ खुराक खरीदने का सोमवार को आॅर्डर दिया। प्रत्येक टीके पर जीएसटी समेत 210 रुपये की लागत आ रही है। आज यानी मंगलवार सुबह सीरम इंस्टीट्यूट आॅफ इंडिया के पुणे स्थित उत्पादन केंद्र से कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खेप पूरी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ रवाना कर दी गई।
स्पाइसजेट के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अजय सिंह ने कहा कि आज स्पाइसजेट की फ्लाइट कोरोना वैक्सीन की पहली खेप ढो रही है। पुणे से दिल्ली आ रही ‘कोविशील्ड’ की पहली खेप में 34 पेटियां हैं, जिसका वजह 1088 किलोग्राम है। दिल्ली के अलावा, देश के अलग-अलग 12 जगहों पर सात अन्य फ्लाइट से वैक्सीन की डिलीवरी आज ही होगी।
बता दें कि इससे पहले पुलिस सुरक्षा में कोविशील्ड वैक्सीन सीरम के उत्पादन केंद्र से पुणे एयरपोर्ट पहुंची, जहां से अब देशभर के लोकेशन पर उसकी डिलीवरी हो रही है। महाराष्ट्र सरकार ने हवाई अड्डों और राज्य की सीमाओं तक वैक्सीन ले जाने वाले ट्रकों को पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि भारत ने हाल ही में देश में प्रतिबंधों के साथ आपातकालीन उपयोग के लिए दो टीकों के निर्माण को मंजूरी दी है। इनमें एक सीरम इंस्टीट्यूट आॅक्सफोर्ड कोविशील्ड और भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, टीकाकरण अनुसूची को पूरा करने के लिए एक व्यक्ति को टीका की दो खुराक 28 दिनों में लेना चाहिए। फिर दूसरी खुराक लेने के दो सप्ताह बाद एंटीबॉडी का सुरक्षात्मक स्तर आमतौर पर विकसित होता है।
सार्वजनिक उपक्रम एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अतिरिक्त निदेशक प्रकाश कुमार सिंह के नाम सीरम इंस्टीट्यूट आॅफ इंडिया (एसआईआई) के लिए आपूर्ति का आॅर्डर जारी किया। सूत्रों ने बताया कि कोविशील्ड टीके की खुराक 60 स्थानों पर खेप के जरिए पहुंचाई जाएगी, जहां से यह आगे वितरण के लिए भेजी जाएगी। सरकार ने भारत बायोटेक को 55 लाख खुराक का आॅर्डर दिया है, जिसकी लागत 162 करोड़ रुपये है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार ने अप्रैल तक 4.5 करोड़ टीके खरीदने की प्रतिबद्धता जताई है। इस पूरे आॅर्डर पर 1100 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आएगा।
शुरूआत में 60 केंद्रों पर भेजा जाएगा
सूत्रों ने कहा कि कोविशिल्ड वैक्सीन की खुराक को शुरूआत में 60 थोक केंद्रों पर भेजा जाएगा, जहां से उन्हें पूरे भारत के विभिन्न टीकाकरण केंद्रों में वितरित किया जाएगा। कोविशील्ड की 2,54,500 से अधिक खुराकें दिल्ली के केंद्रीय भंडारण, राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, ताहिरपुर में वितरित की जानी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीका की खरीद के लिए खरीद एजेंसी के रूप में 11 जनवरी को एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड को नामित किया है। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय खरीददार एजेंसी है और एलएलएल लाइफकेयर लिमिटेड खरीद एजेंसी है।
अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धाओं से होगी शुरूआत
कोविड -19 वैक्सीन दिशा-निर्देशों के अनुसार, टीकाकरण की शुरूआत सबसे पहले हेल्थकेयर वर्कर्स और अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धाओं से की जाएगी। उसके बाद 50 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को खुराक दी जाएगी। इसके बाद 50 साल से कम उम्र के व्यक्ति को संक्रमित होने की स्थिति में खुराक मिलेगी।
टीकाकरण अभियान की शुरूआत 16 से
देश में 16 जनवरी से कोविड-19 के टीकाकरण अभियान की शुरूआत होगी जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान बताया है। शुरूआत में देश के तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी।