रायपुर। रायपुर में आमरण अनशन पर बैठे एक संविदा कर्मचारी की तबीयत अचानक बिगड़ गई। वह बेहोश होकर मंच पर गिर पड़ा। जिसके बाद एंबुलेंस के जरिए अस्पताल भेजा गया। मामला नवा रायपुर में चल रहे संविदा कर्मचारियों के हड़ताल से जुड़ा हुआ है। यहां तीन प्रदर्शनकारी नियमितीकरण की मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे हैं। इन्हीं में से एक कर्मचारी की शुक्रवार को तबीयत बिगड़ गई है।
बेहोश होकर गिरने वाले संविदा कर्मचारी का नाम प्रेम राजपूत बताया गया है। पिछले 48 घंटों से प्रेम ने ना ही कुछ खाया, ना ही पानी पिया था। जानकारी के मुताबिक शुगर बीपी लेवल डाउन होने की वजह से वह बेहोश होकर गिर गया। काफी देर तक अफरा-तफरी का आलम रहा, इसके बाद एंबुलेंस के जरिए उसे अभनपुर के अस्पताल भेजा गया है।
प्रेम राजपूत 19 जुलाई से आमरण अनशन पर बैठे हैं। इनके साथ अनशन पर दो और संविदा कर्मचारियाें की भी हालत ठीक नहीं। जैसे ही एक प्रदर्शनकारी के बेहोश हाेने की खबर आई, तूता स्थित धरना स्थल के पंडाल जो हमेशा नारों के शोर से भरा होता था, यहां सन्नाटा छा गया। दूसरे प्रदर्शनकारी इस घटना से डरे हुए हैं, मगर आंदोलन पर बने रहने की जिद जारी है।
छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रांताध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने कहा कि शासन द्वारा प्रदेश के संविदा कर्मचारियों के वेतन में 27 प्रतिशत की वृद्धि की गई है , जबकि वास्तव में 48 प्रतिशत बढ़ोतरी होनी थी। प्रदेश के संविदा कर्मचारी 3 जुलाई से अनिश्चित कालीन आंदोलन पर हैं। “वर्ष 2018 के जनघोषणा पत्र में सरकार के द्वारा संविदा कर्मियों के नियमितीकरण व छंटनी नहीं किये जाने का वादा किया गया था, “ जोकि आज पर्यन्त तक पूरा नहीं किया गया है। हम आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे।
ये है मांग
प्रदेश के संविदा कर्मचारी स्थायीकरण, (नौकरी की सुरक्षा 62 वर्ष आयु तक ), वरिष्ठता का लाभ वेतन, ग्रेच्युटी, क्रमोन्नति, पदोन्नति, सामाजिक सुरक्षा, अनुकम्पा नियुक्ति एवं बुढ़ापे का साहारा पेंशन, अवकाश जैसी मांग कर रहे हैं। शासन द्वारा संविदाकर्मियों से अब तक कोई संवाद स्थापित नहीं किया गया।