नरवा योजना से बदली जा सकती है एक गांव की तस्वीर !

Chhattisgarh Crimes

पूरन मेश्राम/ छत्तीसगढ़ क्राइम्स

मैनपुर। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओ मे से एक योजना नरवा योजना है जिससे एक गांव की तस्वीर बदली जा सकती है अगर जिले के जिम्मेदार अधिकारी इस दिशा में रुचि दिखाए तो जिले के एक गांव में इस योजना से गर्मियों में होने वाले पानी की किल्लत से ग्रामीणों को ना केवल निजात मिलेगा अपितु जिस सोच से प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने इस योजना को प्रदेश में लागू किया है वह सार्थक भी होगा। वैसे भी यह योजना राज्य ही नहीं देश में भी अपना एक अलग ही पहचान बना दूसरे राज्यों को राह दिखा रहा हैं। नरवा, गरूवा,घुरूवा,बारी योजना का सफल क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ शासन संकल्पित है।

नरवा विकास कार्यक्रम के अंतर्गत गांव मे बहने वाले बारहमासी पानी के बहाव को रोक दिया जावे तो निश्चित रूप से किसान एवं पशुओं के लिए उपहार स्वरूप हो सकता है, पर दुर्भाग्य की बात है जो राज्य देश के दूसरे राज्यों को आइना दिखा रहा है उसी राज्य के वनांचल क्षेत्रवासियों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

हम बात कर रहे है विकासखंड मुख्यालय मैनपुर के अन्तर्गत ग्राम पंचायत अड़गडी के आश्रित ग्राम जरहीडीह जहाँ पक्की सड़क किनारे बडा़ तालाब जो गर्मियों के सीजन में सूखा रहता है। निस्तारी के लिए ग्रामीणों को भयंकर परेशानी के साथ ही मवेशियो को भी पानी की उपलब्धता नही हो पाती है। लेकिन ठीक इसके विपरीत नीचे की ओर जल स्रोत से बारहमासी पानी का बहाव होते रहता है। गर्मियों के सीजन में भी पानी के बहाव कम नहीं होता जिसको ग्राम पंचायत के सहयोग से गर्मी के समय बांध दिये जाने के कारण उसी में ही ग्रामीणों के द्वारा निस्तारी एवं पशुओं के लिए पानी की उपलब्धता हो पाती है। उसके चारों ओर कृषि जमीन जो बारिश पर आधारित है, वहाँ पर भूमि का कटाव भी हो रहा है। शासन के तकनीकी प्रबंधन के मार्गदर्शन से वहां पर नवरा योजना अंतर्गत चेकडैम का निर्माण करते हुए बारहमासी बहने वाले पानी को रोककर होने वाले समस्याओं से ग्रामीणों को राहत दिलाई जा सकती है।जिससे ग्रामीणों को एक नई ताकत मिलेगी और वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकते है।छत्तीसगढ़ का आर्थिक विकास का आधार स्तंभ कृषि है। गांव मे जल संचयन और संवर्धन हेतु संरचनाओं का निर्माण किया जा सकता है।

इन कार्यो से जरूरतमद लोगों को रोजगार का नया जरिया हासिल होगा, मिट्टी के कटाव कम एवं नमी में वृद्धि होगी, निस्तारी और पशुओं के लिए पानी की उपलब्ध सुनिश्चित होगी, पानी का बहाव एक निश्चित दिशा में संभव हो पायेगी वर्षा के बहते जल को रोक कर सिंचाई के लिए उपयोग कर पाना भी संभव हो पायेगा। कृषि एवं कृषि से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा साथ ही सिंचाई रकबे में वृद्धि होगी जिसके फलस्वरूप कृषकों के आय मे भी वृद्धि हो पाएगी।

सरपंच भी चाहते हैं पानी को रोकना इस सम्बंध मे जब हमने सरपंच ग्राम पंचायत अड़गडी़ कृष्ण कुमार नेताम से बात किया तो उनका भी मत यहीं था कि ऐसे जल स्रोतों का चिन्हांकित करते हुए पानी को रोकने का उपाय किया जाना चाहिए मैं इसका प्रस्ताव बनाकर के जनपद ऑफिस मैनपुर में जमा करूंगा।

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