भाजयुमो में बगावत के सुर तेज

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। भाजयुमो की नई कार्यकारिणी बनने भर की देर थी। भाजयुमो के भीतर ही बगावत के सुर तेज हो गए। भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा में बगावत का आलम ये है कि संगठन में जिम्मेदारी नहीं पाने वाले कार्यकतार्ओं ने अब आत्महत्या तक की चेतावनी दे दी है। यही नहीं कइयों ने तो संगठन में पद पाये नेताओं को बर्थ सर्टिफिकेट जारी करने की भी चुनौती दे डाली।

सोशल मीडिया पर इसको लेकर जमकर महाभारत मचा हुआ है। ऐसे में सवाल तो यही है कि प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू इन समस्याओं का सामना कैसे करेंगे ? वैसे भी भाजपा में बगावत कोई नई बात नहीं है।

भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू भी इससे इत्तेफाक रखते हैं। उन्होंने माना कि संगठन को जोश के साथ अनुभव की भी जरूरत होगी। इसके लिए संगठन में महज 4 ऐसे वरिष्ठ नेता हैं। जो निहायत ही अनुभवी हैं। उनके अनुभव का लाभ संगठन के ओजस्वी युवाओं को मिलेगा। कुछ ऐसे कार्यकर्ता भी हैं, जो ये मानते हैं कि पद के बिना वो कुछ नहीं हैं। ऐसे लोग ही इस तरह की बातें कर रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी के गठन के पहले 35 साल की उम्र की सीमा रखी गयी थी। जब कार्यकारिणी की लिस्ट जारी की गयी, तो उसमें 40-41 वर्ष की आयु वाले नेताओं की भरमार दिखी। ऐसे में कार्यकारिणी में जिम्मेदारी की आस लगाए बैठे युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा। संगठन के शीर्ष पदों पर एक नेता 41 साल के हैं। खुद प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू मानते हैं कि संगठन में 4 अनुभवी नेताओं को लिया गया है, क्योंकि संगठन को उनके अनुभव की जरूरत है। अब सोशल मीडिया पर भाजयुमों के कई कार्यकर्ता बागी हो गये हैं। कईयों ने तो आत्महत्या तक की चेतावनी दे दी है।

जैसे ही कार्यकारिणी घोषित हुई। बागियों को मौका मिल गया। उसके बाद तो सोशल मीडिया में बगावत भरे पोस्ट आने शुरू हो गए। अब तो इसकी बाढ़ सी आ गई है। कहीं कोई खुदकुशी की धमकी दे रहा है। तो कोई उम्रदराज नेताओं का बर्थ सर्टिफिकेट सामने लान की चुनौती दे रहा है। प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू बागी कार्यकर्ताओं को लेकर बेहद गंभीर हैं। उन्होंने ताजा खबर से कहा कि वे सभी से बात करेंगे। इसके अलावा सभी के साथ मिलजुल कर कार्य करेंगे।

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