- सायकल यात्रा लोगों की बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से लाभदायक : कलेक्टर
- सायकल यात्रियों ने पुरातत्व नगरीय सिरपुर के लक्ष्मण मंदिर परिसर में खिंचवाई तस्वीर
महासमुंद। पर्यटन और प्रकृति को बढ़ावा देने एवं जिले की पुरातात्विक एवं संस्कृति से रूबरू कराने के उद्देश्य से टूर डे सिरपुर यात्रा आज शनिवार को महासमुंद के वन विद्यालय केंद्र से सबेरे 7ः30 बजे रवाना हुई। संसदीय सचिव एवं विधायक विनोद चंद्राकर ने हरी झंडी दिखाई। वह स्वयं सायकल यात्रा में पहला स्टॉपेज बेमचा तक शामिल हुए। टूर डे सिरपुर यात्रा में कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर, पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला, सीईओ ज़िला पंचायत एस. आलोक, वनमण्डलाधिकारी पंकज राजपूत एवं ज़िले के अधिकारी-कर्मचारियों सहित गणमान्य नागरिक, बालक-बालिकाएं पूरे उत्साह से सायकल यात्रा में शामिल हुए। सायकल यात्रा समापन पर सिरपुर लक्ष्मण मंदिर पर सायकल यात्रियों ने तस्वीर खिंचवाई ।
संसदीय सचिव ने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने कटिबद्ध है। प्रदेश में जंगल, पहाड़, नदी, जलाशय और ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व के दर्शनीय स्थल है। उन्होंने सायकल यात्रा के शुभारम्भ अवसर पर कहा कि प्रदेश में लोकल टूरिज्म को बढ़ावा देने और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री के मंशानुरूप कार्य किया जा रहा है। कार्ययोजना में प्रदेश में प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए वेलनेस टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म और फिल्म टूरिज्म को शामिल किया गया है। पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में निजी निवेश एवं ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन नीति तैयार की गई है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राम वनगमन पर्यटन परिपथ में आने वाले स्थलों का चयन किया गया है। इसके लिए कार्ययोजना पर काम शुरू हुआ है। संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर ने कहा कि ऐतिहासिक पर्यटन स्थल सिरपुर को विकसित करने के लिए विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के माध्यम से कार्यवाही की जा रही है। इसके साथ ही पर्यटन की दृष्टि से सिरपुर के साईट को और अधिक विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पर्यटन की दृष्टि से जाना जाता हैं। सायकल यात्रा का उद्देश्य लोगों को यहाँ के पर्यटन और प्रकृति से रूबरू करना है।
कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने कहा कि लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से लाभदायक है। महासमुंद में भी सायकल रेसलिंग का क्लब होना चाहिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पर्यटन की असीम सम्भावना है। महासमुंद जिले में पहाड़, नदी, जलाशय एवं ऐतिहासिक और पुरातत्व महत्व के अनेक दर्शनीय स्थल है। जनता के अमूल सुझावों से जिले के पर्यटन स्थलों को और अधिक विकसित किया जाएगा। जिलों में जिससे बच्चे अपने स्वास्थ्य के साथ आने वाले प्रतियोगिता के लिए उन्हें अच्छा वातावरण मिले। सचिव पंचायत ग्रामीण विकास आर.प्रसन्ना ने सायकल के विज्ञान के लाभकारी गुणों के बारे में अपने अनुभव साझा किए। पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला, सचिव वन विभाग प्रेमकुमार, वनमंडलाधिकारी पंकज राजपूत, वनमंडलाधिकारी भानूप्रतापपुर श्रीकृष्ण जाधव, सी.ई.ओ. एस. आलोक और डॉ. पल्लविक क्षीरसागर ने सायकल की महत्वता बताते हुए उसके शारीरिक स्वास्थ्य पर फायदे और दैनिक जीवन में लाभकारी प्रभाव पड़ने की महत्वपूर्ण जानकारी दी। समापन अवसर पर सायकल प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। राजधानी रायपुर से सायकल यात्रा करने वाली 62 वर्षीय श्रीमती जस्सी और आकाशवाणी के 58 वर्षीय सयबा मांझी सहित अन्य प्रतिभागियों सहित महासमुंद के सायकल यात्रियों सहित पत्रकार नवभारत के ब्यूरो चीफ संजय डफले एवं हरिभूमि के ब्यूरो चीफ रत्नेश सोनी, जनसम्पर्क अधिकारी शशिरत्न पाराशर, हेमनाथ सिदार को सम्मानित किया गया।
सायकल यात्रा में कलेक्टर क्षीरसागर की धर्मपत्नी डॉक्टर पल्लवी सहित उनके दोनों पुत्र श्रव्य क्षीरसागर एवं चिरंजीव क्षीरसागर ने भी सायकल यात्रा में भाग लिया। सायकल यात्रा टूर डे सिरपुर और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित है। इसका मुख्य उद्देश्य पर्यटन एवं प्रकृति को बढ़ावा देना है। वहीं राजधानी रायपुर के मरीन ड्राईव से टूर डे सिरपुर सायकल यात्रा सुबह 6ः00 बजे सिरपुर के लिए रवाना हुईं। दोनों सायकल यात्रियों का मिलन महासमुंद के वन चेतना केन्द्र कोडार में हुआ। उसके बाद रायपुर और महासमुंद के सायकल यात्री यहां से सिरपुर के लिए रवाना हुए।
महासमुंद के जिले से 100 से ज्यादा सायकल यात्रियों के ऑनलाईन आवेदन प्राप्त हुए थे। सायकल यात्रा की ऑनलाईन आवेदन करने की अंतिम तिथि गुरूवार 24 मार्च थी। यह सायकल यात्रा जिले में पर्यटन और प्रकृति को बढ़ावा देने एवं जिले की पुरातात्विक एवं संस्कृति से रूबरू होने के लिए आयोजित की जा रही है। कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने टूर डे सिरपुर सायकल यात्रा के सफल एवं सुव्यवस्थित तरीके से आयोजन के लिए अधिकारी-कर्मचारियों को दायित्व सौंपे गए थे।