पूरन मेश्राम/मैनपुर। उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के 9 ग्राम सभा को वन अधिकार कानून के तहत अपने पारंपरिक सीमा के जंगल का संरक्षण संवर्धन का अधिकार प्राप्त हुआ है और ग्राम सभा द्वारा सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन समिति का गठन किया गया है।
इस समिति के द्वारा अपने सीमा के जंगल का मृदा क्षरण को बचाने के लिए ग्रामसभा अमाड, जुगाड, उदंती, नागेश, करलाझर, कोयबा 6 गाँव के सीएफआरएमसी के द्वारा खोज एवं जनजाग्रति समिति जयंती नगर मैनपुर के सहयोग से मनरेगा का प्लानिंग किया गया और इसे जिला गरियाबंद के डीएलएमसी जिला स्तरीय सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन समिति के बैठक में 27 नवम्बर को अनुमोदन किया गया।
इसी क्रम में खोज संस्था द्वारा दिनांक 28 नवंबर से 29 नवंबर तक पंचायत प्रांगण कोयबा में समिति के सदस्यों को दस्तावेजी करण जैसे ग्राम सभा बैठक मीनिट्स, सीएफआरएमसी बैठक मिनिट्स, सीएफआरएमसी के संचालन हेतु नियम नीति केश बुक संधारण, जैव विविधता रजिस्टर का दस्तावेजी करण की प्रक्रिया पर जानकारी दिया गया साथ ही ग्राम सभा द्वारा सन्दर्भ केंद्र तैयार करके सीड बाल, नर्सरी, फायर लाइन फायर वाचर, ठेंगा पाली (जंगल गस्त )की प्रक्रिया को संचालित करने की जानकारी दिया गया साथ ही ग्राम सभा द्वारा अपने पारंपरिक सीमा के जंगल को वन खंडो में बांटकर निस्तारी क्षेत्र, जलावन क्षेत्र, संरक्षित क्षेत्र घोषित करके नियमो का पालन करने हेतु मार्गदर्शन किया गया। साथ ही ग्राम सभा द्वारा अपने जंगल में हरा कम्पोस्ट तैयार करने की जानकारी दी गयी और अधिकार पत्र मिलने के बाद अपने सीमा के जंगल का घनत्व निकाल कर प्रबंधन की प्रक्रिया में माइल स्टोन बनाने पर जोर दिया गया और इन 9 ग्राम सभा प्रबंधन के हर एक काम को आगे बढ़ाने के लिए ग्राम सभा फेडरेशन का गठन किया गया इस प्रशिक्षण में सीएफआरएमसी के अध्यक्ष सचिव, कोषाध्यक्ष, सदस्य मधु सिंह ओंटी, श्रीमति प्रेमशिला कपिल, दीपक मंडावी, गोपाल नेताम, गणेश यादव, करण सिंग नाग, रुपेन्द, सुकचंद मरकाम, श्रीमति त्रिपुरा, गंगासागर, नरहरी शोरी, महेश, रूपसिंग, ताराचंद नाग, खोलबहारा श्रीमति राधा बाई तथा फेडरेशन के अध्यक्ष अर्जुन नायक, सचिव दीपक मंडावी साथ ही प्रशिक्षक के रूप में खोज संस्था से बेनीपुरी गोस्वामी, कार्यकर्ता हरीश नेताम, उमा ध्रुव, बरखा शामिल हुए।