टीम ने कहा- एक कदम आगे बढ़कर सरकार को पुल पुलिया की निर्माण कराना अति आवश्यक
मैनपुर। वैसे तो विकासखंड मुख्यालय मैनपुर राजापडा़व क्षेत्र के बुनियादी सुविधाओं की मांग क्षेत्रवासियों का जायज है।
लेकिन शासन प्रशासन के द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के कारण आज भी क्षेत्र के हजारों वनवासियों को बरसात के दिनों में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बरसों से पुल पुलिया की मांग करते करते क्षेत्रवासियों का सपना चकनाचूर हो गया है।
अब तो मांग करना बेमानी लगता है।हजारों लोगों को बरसात के दिनों में 40 से 50 किलोमीटर की दूरी सफर करते हुए खंड मुख्यालय जिला मुख्यालय सहित क्षेत्र के गांव में आवश्यक कार्यों के लिए दफ्तर,बैंकिंग,खाद्यान्न, बाजार से सामग्री खरीदी,बच्चों को स्कूल जाना, किसानों को खाद्य बीज परिवहन करना सहित अन्य आवश्यक कार्यों के लिए बारिश में बाढ़ कम होने का इंतजार करना अमूमन स्वाभाविक प्रक्रिया हो गई है। लेकिन बरसात में बाधित रपटा जिसके ऊपर से पानी का तेज बहाव होते रहता है।
आवागमन करने वाले लोगों को घंटों खड़े होकर पानी में भीगते हुए पानी कम होने का इंतजार करना मजबूरी बन गई है।
पानी के तेज बहाव में कईयों की जान चली गई है। उसके बावजूद भी सरकार उस रपटा पर पुल पुलिया निर्माण करने के लिए गंभीर नहीं दिखता शायद राजापडा़व क्षेत्रवासियों को सौतेला के नजर से देखता हो।
गरियाबंद से 9 अगस्त की तैयारी मे आये आदिवासी युवा टीम भी बाघ नाला के बाढ़ में फंसे
इस बार गरियाबंद जिला में 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के दिन सभ्यता संस्कृति की मिसाल देखने को मिलेगा जिसके तैयारी को लेकर अभी से आदिवासी युवा टीम अपनी संस्कृति रहन-सहन खान-पान पारंपरिक वेशभूषा वाद्य यंत्रों के लिए अलग-अलग स्थानों पर जाकर भेट मुलाकात करते हुए वीडियो ग्राफी कर रहे हैं जिसके लिए राजापड़ाव वनांचल क्षेत्र मे पहुँचे थे। लेकिन भयंकर बारिश से बाघ नाला में बाढ़ हो जाने के कारण बड़ी मशक्कत के बाद कोकडी़ गौरगाँव भूतबेड़ा क्षेत्रों का भ्रमण किया गया जाते जाते आदिवासी युवा टीम ने क्षेत्र में पुल पुलिया निर्माण के लिए शासन प्रशासन से मांग भी किया