बिलासपुर। मरघट में बेजा कब्जा को लेकर ग्रामीण आज शव लेकर कलेक्ट्रेट पहुंच गए। जमकर नारेबाजी की और बेजा कब्जा हटाने और आने जाने के लिए रास्ता दिलाने की मांग की। इस दौरान ग्रामीण शव लेकर घण्टेभर तक नारेबाजी करते रहे।
सोमवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण कलेक्ट्रेट के सामने भिड़ लगाकर नारेबाजी कर रहे थे। बच्चे और महिलाएं रोना धोना कर रही थी। सामने एक काठी रखी थी जिसमें किसी व्यक्ति के शव होने का एहसास करा रहा था। यही नहीं एक काला हांडी से धुंआ निकल रहा था। पूरा दृश्य किसी शव यात्रा की लग रही थी। आते जाते हर व्यक्ति कुछ देर रुक कर ये जानने का प्रयास करते रहे की लोग शव लेकर लोग यहां क्यों आए है ? बहुत से लोगों को लग रहा था की कही एक्सीडेंट हुआ होगा और परिजन शव लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे होंगे! लेकिन हकीकत कुछ और था, दरअसल ये मोपका के ग्रामीण थे जो अनोखे अंदाज में अपनी बात कलेक्ट्रेट तक पहुंचाना चाह रहे थे।
ग्रामीण इस बात को लेकर आक्रोशित है की गांव के मरघट की जमीन पर बेजा कब्जा हो रहा है। लेकिन शिकायत करने के बाद भी पटवारी, नायब तहसीलदार और एसडीएम समेत सारे अधिकारी मौन है। यही कारण है कि बड़ी संख्या में ग्रामीण अपनी बात प्रशासन के सामने रखने के लिए शव यात्रा निकाली और कलेक्ट्रेट पहुंचे। बकायदा शव को गांव के चार लोग कंधा दे रहे थे। सामने एक आदमी काले हांडी में आग लेकर चल रहे थे। पीछे एक आदमी लाई फेंकते हुए ग्रामीण राम नाम सत्य है .. बोलते हुए आगे बढ़ रहे थे। जब ग्रामीण शव लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे तो वहां कुछ देर तो लोगों को समझ ही नहीं आया की क्या हो रहा है ? कलेक्ट्रेट में दौड़भाग शुरू हो गई। दरबान से लेकर कर्मचारी उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी देकर उन्हें बुलाया। जब ग्रामीणों ने अपनी समस्या रखते हुए अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा तब जाकर राहत की सांस ली। हालांकि ग्रामीण इस बीच घण्टेभर तक नारेबाजी करते रहे और मरघट से बेजा कब्जा हटाने की माग करते रहे। तब तक पूरे समय आने जाने वालों के लिए कौतूहल बना रहा।