रायपुर. झारखंड के सत्ताधारी पार्टी के विधायकों के मे-फेयर रिसार्ट पहुंचने के पहले छत्तीसगढ़ सरकार की गाड़ी से महंगी शराब व बियर वहां पहुंचायी जा रही थी। तब रिसार्ट के बाहर तैनात मीडियाकर्मियों ने तस्वीर उतारनी शुरू कर दी। बाद में यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। रायपुर के स्थानीय मीडिया में तस्वीरें सामने आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट किया कि सरकारी गाड़ी में झारखंडी मेहमानों के लिए शराब की ढ़ुलाई।
सरकारी गाड़ी में झारखंडी मेहमानों के लिये शराब की ढ़ुलाई।
वैसे याद दिला दें झारखंड में भी शराब परोसने,पीने-पीलाने और उससे पैदा होने वाले “धन” के “लेन-देन” का पूरा नेटवर्क छत्तीसगढ़ का ही है। #धन्य_हमर_सोना_झारखंड pic.twitter.com/g2As9Sf2IG
— Babulal Marandi (@yourBabulal) August 30, 2022
मामला सामने आने के बाद छतीसगढ़ कांग्रेस ने इस मामले से कन्नी काट ली। वहीं, भाजपा के छत्तीसगढ़ सरकार के पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने कहा कि सरकार ने शराब की दिन में व्यवस्था के कारण 5 लाख लोग आंदोलन पर हैं। उनका मानदेय बढ़ाने को पैसा नहीं है और बाहरी राज्य के विधायकों की अय्याशी के लिए शराब-कबाब का इंतजाम किया जा रहा है। अभी तो दिन है, शराब भेजी जा रही है। रात में उनकी और अय्याशी का इंतजाम सरकार करेगी।
छतीसगढ़ कांग्रेस ने कहा-कोई लेना-देना नहीं
होटल मे-फेयर रिसोर्ट में छत्तीसगढ़ सरकार की सरकारी गाड़ी से शराब ले जाने के मामले में कांग्रेस ने वीडियो की सत्यता पर ही सवाल उठा दिया है। कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि वीडियो की सत्यता पर संदेह है। यह वीडियो एडिटेड है, कहां पर बनाया गया है, कैसे बनाया गया है। इसका छत्तीसगढ़ की सरकार या कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है।