रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं का सशक्तिकरण किया जा रहा है। महिलाओं को विभिन्न रोजगार मूलक योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है। राज्य के सुदूर आदिवासी अंचलों की महिलाएं भी उद्योग, व्यवसाय से जुड़ रही है। दंतेवाड़ा जिले की महिलाएं पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। इन दिनों महिलाएं सीमेंट के खंभे और फेंसिंग जाली निर्माण कर रही हैं।
महिलाएं इस स्वरोजगार से खुद को सक्षम बनाएंगी और दूसरी महिलाओं को इस व्यवसाय के लिए प्रेरित करेंगी। महिलाएं अब तक सीमेंट पोल व जाली बनाने के लिए महिलाएं आगे नहीं आई थीं, लेकिन जिला पंचायत द्वारा प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा व बाड़ी के तहत जिले के महिला स्व-सहायता समूह को व्यवसाय करने प्रेरित किया गया। परिणाम स्वरूप जिले के 8 महिला स्वसहायता समूहों ने व्यवसाय करने की ठानी और उन्होंने काम शुरू कर दिया। जिले में सभी पंचायतों में देवगुड़ी, गोठान का निमार्ण किया जा रहा है। जिसमें घेराव के लिए सीमेंट पोल की आवश्यकता पड़ती है, इसके लिए जिले के 8 स्व-सहायता समूहों द्वारा सीमेंट पोल का निर्माण किया जा रहा है। वर्तमान स्थिति तक 4950 पोल, जिसे 14 लाख 85 हजार रुपए तक बेच चुके है। इस गतिविधि से 80 परिवार लाभान्वित हो रहे है। जिले में दिशा महिला ग्राम संगठन टेकनार, सीता महिला ग्राम संगठन गंजेनार, रानी लक्ष्मी ग्राम संगठन गाटम, दीपक महिला ग्राम संगठन मैलावाड़ा, जागृति महिला कलस्टर संगठन पेन्टा सीमेंट पोल का निमार्ण कर रही है।
जिले में 6 स्व-सहायता समूह द्वारा चैन लिंक फेंसिंग का निमार्ण किया जा रहा है। जिसमें दिशा महिला ग्राम संगठन भांसी, शांति महिला ग्राम संगठन मटेनार, रानी लक्ष्मी ग्राम संगठन गाटम, रोयेमुंग ग्राम संगठन मासौड़ी, जगदम्बे स्व सहायता समूह नागफनी, माँ शक्ति ग्राम संगठन कुआकोंडा समूहो ने वर्तमान स्थिति तक 1147 बण्डल, जिसे 30 लाख 96 हजार 9 सौ रुपए तक बेच चुके है। चैन लिंक फेंसिंग निर्माण से 58 परिवार तथा सीमेंट पोल निमार्ण से 80 परिवारों लाभान्वित हो रहे है। चैन लिंक फेंसिंग एवं सीमेंट पोल निमार्ण से जोड़ना उस क्षेत्र की महिलाओं के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इससे ना सिर्फ महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी स्व-रोजगार से जुड़ने के अवसर खुल रहे हैं। वर्तमान में महिला समूह द्वारा तैयार किए गए सीमेंट पोल को सबसे पहले ग्राम पंचायत के लिए सप्लाई करेंगी।