आज लग रहा है चंद्र ग्रहण, जानें क्या करें और क्या नहीं

नई दिल्ली। 5 जून शुक्रवार यानी कि आज है. यह साल का दूसरा चंद्र ग्रहण है जोकि कोरोना काल में लग रहा है. इसलिए ज्योतिष में इस चंद्र ग्रहण को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. खगोल विज्ञान की मानें तो चंद्र ग्रहण उस स्थिति में लगता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आते हैं. इस दौरान पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में होती है, और इस कारण चंद्रमा की दृश्यता पृथ्वी से देखने पर कम हो जाती है.
क्या होता है उपच्छाया चंद्रग्रहण?
ज्योतिष में उपच्छाया चंद्रग्रहण को वास्तविकता में कोई चंद्रग्रहण नहीं माना जाता क्योंकि जब भी कोई चंद्रग्रहण घटित होता है तो, उससे पहले चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया में प्रवेश करता है, जिसे ज्योतिष में चंद्र मालिन्य कहते हैं. पृथ्वी की इस उपछाया से निकलने के बाद ही, चंद्रमा उसकी वास्तविक छाया के अंतर्गत प्रवेश करता है और इसी स्थिति में वास्तविक रूप से, पूर्ण अथवा आंशिक चंद्रग्रहण लगता है. हालांकि कई बार ऐसा होता है कि जब पूर्णिमा के दिन, चंद्रमा पृथ्वी की छाया में प्रवेश करने के बाद, वहीं से बाहर निकल जाता है. जिससे वो पृथ्वी की असली छाया तक प्रवेश नहीं कर पाता.

चंद्र ग्रहण पर ना करें ये काम:

  • चंद्र ग्रहण के समय बालों में तेल लगाना, खाना खाना, पानी पीना, सोना, बाल ठीक, साथी से संबंध बनाना, दातुन करना, कपड़े धोना, ताला खोलना जैसे कामों से परहेज करना चाहिए.
  • चंद्र ग्रहण के समय भगवान की मूर्ति को छूना नहीं चाहिए.
  • चंद्र ग्रहण के समय अन्न नहीं ग्रहण करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इस दौरान आप जितने अन्न के दाने खाने हैं आपको नरक में उतनी ही यातनाएं झेलनी पड़ती हैं.
  • चंद्र ग्रहण के दौरान सोने से परहेज करना चाहिए. चंद्र ग्रहण में तीन प्रहार यानी कि 3 घंटे तक खाना खाना नहीं चाहिए. हालांकि रोगी, बच्चों और बुजुर्गों के लिए ये नियम नहीं है.
  • स्कंद पुराण के मुताबिक, चंद्र ग्रहण पर दूसरे का अनाज या किसी का दिया हुआ खाना खाने से पुण्य फलों का नाश होता है.
  • चंद्र ग्रहण के समय कोई शुभ काम नहीं करना चाहिए. हालांकि मन ही मन भगवान का स्मरण किया जा सकता है.
    चंद्र ग्रहण में क्या करें:
  • चंद्र ग्रहण लगने से पहले नहा-धो करके भगवान की पूजा अर्चना और हवन करना चाहिए.
  • पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के संमय किए गए दान से सामान्य से कई गुना फल मिलता है. इस दौरान पुण्य कर्म करने चाहिए.
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