भिलाई में 11 लाख कैश के साथ 10 जुआरी पकड़े गए

Chhattisgarh Crimes

भिलाई। दुर्ग पुलिस की स्पेशल टीम ने भिलाई तीन इलाके में करोड़ों रुपए की जुएं की फड़ में छापेमारी करके 10 जुआरियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने यहां से लगभग 11 लाख नगद जब्त किया है। इतनी बड़ी कार्रवाई से जहां एएसपी की स्पेशल टीम की वाहवाही हो रही है तो वहीं भिलाई तीन पुलिस सवालों के घेरे में आ गई है। एसएसपी बीएन मीणा के निर्देश पर एएसपी की स्पेशल टीम ने शुक्रवार देर शाम इस पर कार्रवाई की। कार्रवाई के बाद भिलाई तीन पुलिस को बुलाकर आरोपी सौंपे गए। इससे साफ है कि इतना बड़ा जुआ खेले जाने की जानकारी भिलाई तीन टीआई को थी।

एएसपी संजय ध्रुव ने बताया कि भिलाई तीन थाना क्षेत्र अंतर्गत सिरसाकला के खार में रोजाना जुआरियों का मजमा लगने की जानकारी मिल रही थी। एसएसपी बीएन मीणा के निर्देश पर स्पेशल टीम गठित की गई। जुएं के फड़ में दबिश देने की जानकारी मात्र तीन से चार अधिकारियों को ही थी। इसकी जानकारी भिलाई तीन थाना को भी नहीं दी गई थी।

स्पेशल टीम सिरसाकला खार में जब पहुंची वहां जुआरियों का मजमा लगा हुआ था। पुलिस ने चारों तरफ से घेरकर जैसे ही दबिश दी वहां भगदड़ मच गई। पुलिस ने यहां से सतनामी पारा सिरसा निवासी मुरली साहू (42), सेक्टर-2 निवासी शिव शंकर भट्ट (55), राजनांदगांव के लाल खान (55), रायपुर के अमरलाल तलरेजा (47), सेक्टर-1 के सौरभ कुमार (32), रायपुर के कमल सचदेव (31), प्रकाश पाल (40), देव कुमार (58), सुपेला के दिनेश साहू (38) और पाटन निवासी श्याम दास सिन्हा (63) को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से लगभग 11 लाख रुपए नगद रकम भी जब्त किया है।

मजदूर बनकर फड़ तक पहुंची पुलिस

जुआरियों को पुलिस की रेड की खबर न हो इसके लिए पुलिस की स्पेशल टीम मजदूर बनकर वहां पहुंची। पुलिस के अधिकारी और जवानों ने बनियान, लुंगी और सिर पर गमछा बांधकर हाथ में लाठी और टोकनी भी लेकर फड़ तक पहुंचे। शूटरों को लगा मजदूर काम करके घऱ लौट रहे हैं। इसलिए वह संजू सरदार को सूचना नहीं दे पाए। पुलिस जैसे ही वहां पहुंची और जुआरियों को चारों तरफ से घेरने लगी। जुआरियों में भगदड़ मच गई। इसमें कई लोग मोटी रकम लेकर भागने में कामयाब भी हो गए।

भिलाई तीन में संजू सरदार यहां जुआ खिलवा रहा था। यह जो जुएं की फड़ लगी थी वह किसी कसीनों से कम नहीं थी। यहां आने वाले हर एक व्यक्ति को एक हजार रुपए एंट्री फीस देनी पड़ती थी। इसके साथ ही यह भी नियम था कि वह 5 हजार रुपए से कम का दाव नहीं लगा सकता था। यहां एक-एक दांव कई लाख रुपए का होना बताया जा रहा है।

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