दो वर्ष में लगेंगे 103 उद्योग, 42 हजार करोड़ का पूंजी निवेश प्रस्तावित

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। शनिवार को रायपुर के एक निजी होटल में राज्य के औद्योगिक विकास का खाका तय करने के लिए छत्तीसगढ़ के नवा बिहान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के स्थानीय उद्योगों के लिए लौह अयस्क और कोयले की कमी नहीं होने दी जाएगी। राज्य सरकार एनएमडीसी और केन्द्र सरकार के साथ लगातार इस संबंध में प्रयास कर रही है।

श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार ने उद्योगपतियों से विचार-विमर्श कर प्रदेश की नई औद्योगिक नीति निर्धारित की। जिसकी वजह से पिछले दो वर्षो में 103 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इन एमओयू के माध्यम से प्रदेश में 42 हजार करोड़ रूपए का पूंजी निवेश प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब इन एमओयू को क्रियान्वित करने की चुनौती राज्य सरकार के साथ-साथ उद्योगपतियों की भी है। मुख्यमंत्री ने इन एमओयू के क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को प्रोफेशनल तरीके से काम करने को कहा। उद्योगों की स्थापना के लिए अधिकारी उद्योगपतियों के साथ बेहतर समन्वय के साथ कार्य करें। श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता खेती-किसानी के साथ उद्योगों के माध्यम से रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उत्पन्न करने की है। उन्होंने उद्योगपतियों से कहा कि उद्योगों में प्रशिक्षित श्रमिकों की जरूरत होगी तो राज्य सरकार द्वारा श्रमिकों के कौशल उन्नयन के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने आॅटोमोबाइल उद्योग, सोलर एनर्जी प्लांट की स्थापना के लिए भी राज्य सरकार की ओर से मदद का आश्वासन दिया।

छत्तीसगढ़ की उद्योग नीति सबसे अच्छी : कवासी लखमा

उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि छत्तीसगढ़ की उद्योग नीति देश की सबसे अच्छी उद्योग नीतियों में से एक है। यह उद्योग नीति सभी से विचार-विमर्श कर और दूसरे राज्यों की उद्योग नीति का अध्ययन कर तैयार की गयी है। इस उद्योग नीति से उद्योग, व्यापार जगत सहित आमजनों को फायदा होगा। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि सीआईआई के कार्यक्रम में लोहा, कोयला, बिजली, पानी की चर्चा होती थी। आज पहली बार गोबर के बारे में भी चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की उद्योगों को बढ़ावा देने की दृढ़ इच्छा शक्ति के कारण लोकल इन्वेस्टर उद्योगों में निवेश के लिए सामने आए हैं। उद्योग नीति में 150 प्रतिशत तक अनुदान के प्रावधान के कारण उद्योगपति आज बस्तर में भी उद्योग स्थापित करने के इच्छुक हैं। भारत सरकार ने धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति दी है और एथेनॉल के विक्रय की दर भी निर्धारित की है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता गांव, गरीब और किसान हैं। साथ ही उद्योगों को भी उचित सम्मान प्राप्त है। कॉन्फ्रेडेशन आॅफ इंडियन इंडस्ट्री द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ भी उपस्थित थे।

Exit mobile version