रायपुर। प्रदेश के दुर्ग जिले के खुड़मुड़ा में हुए हत्याकांड मामले में पुलिस ने संदेहास्पद लोगों के नारको टेस्ट के लिए न्यायालय से अनुमति मांगी थी जिस पर न्यायालय ने 11 संदिग्ध लोगों के नारकोटिक्स टेस्ट के लिए अनुमति दे दी है।
आपको बता दे कि पुलिस ने इस टेस्ट के लिए सभी संदेहास्पद लोगो से सहमति मांगी थी जिसमे 3 लोगों ने सहमति दे दी है। बाकी लोगों से सहमति नहीं ली गयी है। पुलिस सूत्रों की माने तो शनिवार को बाकी लोगों से सहमति ली जाएगी। बता दे कि खुदमुड़ा में 1 ही परिवार के 4 लोगों की हत्या कर दी गयी थी जिसमे एक मात्र चश्मदीद गवाह नाबालिक मासूम था जिसने हत्यारे को देखा था, पुलिस ने उक्त गवाह के बताए अनुसार स्केच आर्टिस्ट से हत्यारे का फोटो बनवा उस पर इनाम भी घोषित किया था परंतु महीनों बीतने के बाद भी पुलिस टीम को कू सुराग हाथ नहीं लगा।
वही दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पीड़ित परिवार के सदस्यों से मिलने भी पहुँचे थे जहाँ उन्होंने दुर्ग एसपी समेत आला अधिकारियों को तत्काल मामले की जांच पूरी कर हत्यारे को जल्द से जल्द पकड़ने के निर्देश दिए थे। खुद डीजीपी डीएम अवस्थी भी घटना दिनांक को मौके पर जाकर पुलिस टीमों को निर्देशित किया था। बता दे कि हत्याकांड से लेकर आज तक अमलेश्वर थाना में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दुर्ग ग्रामीण सहित खुद पुलिस प्रशासन के बड़े अधिकारी टेंट लगाकर बैठते रहे है व इस मामले को सुलझाने का पुरजोर प्रयास किया है परन्तु अब तक पुलिस के हाथ पूरी तरह से खाली है।
इस मामले में 300 से अधिक संदेहियों से पूछताछ की गई है। साथ ही इसे अलग-अलग एंगल से भी देखा गया है जिसमे मृतकों की खेती जमीन का भी जिक्र किया गया था। वही परिवार के अन्य सदस्यों पर भी पुलिस की पैनी नजर थी और उन्हें ऐसा लग रहा था को जरूर परिवार वाले कुछ बात छुपा रहे है। अब पुलिस ने संदिग्धों की एक सूची तैयार कर न्यायालय को सौंप नारको टेस्ट करने की अनुमति मांगी थी जिस पर कोर्ट ने मुहर लगा दी है। अब देखना यह होगा कि इस प्रणाली से क्या पुलिस अधिकारी इस मामले की गुत्थी को सुलझा पाएंगे?