3 जुलाई से अनिश्चितकालीन आंदोलन की राह पर 45 हजार संविदा कर्मचारी

Chhattisgarh Crimes

रायपुर. छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले राज्य के सभी विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारी साढ़े चार साल बाद भी जनघोषणा पत्र में किए गए नियमितिकरण के वादे को पूरा नहीं किया गया. 16 मई को जांजगीर चांपा के शिवरीनारायण से संविदा नियमितिकरण रथयात्रा निकालकर 33 जिलों में सरकार के चुनाव के पहले किए हुए वादे को पूरा करने के लिए कलेक्टर और 90 विधानसभा के विधायक जनप्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपकर रथयात्रा का समापन 23 जून को रायपुर में करेंगे.

संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण नहीं होने और 33 जिला कलेक्टर, 90 विधायक को ज्ञापन सौंपने के बाद भी सरकार संवादहीनता की स्थिति निर्मित करने के कारण प्रदेश के 45 हज़ार संविदा कर्मचारी 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन आंदोलन के लिए लामबंद होंगे.

प्रांताध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया कि, सरकार ने हम संविदा कर्मचारियों से 2018 के चुनाव के जनघोषण पत्र के बिंदु क्रमांक 11 में नियमितिकरण का वादा किया था. अब तक सरकार के 4 साल 6 माह बीत जाने के बाद भी वादा पूरा न करना यह गैर लोकतांत्रिक हैं. इन साढ़े चार साल में सरकार की तरफ से संवादहीनता की स्थिति है. रथयात्रा में 33 जिला कलेक्टर को और कई कांग्रेस मंत्रीगण, विधायकों एवं जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देने के बाद भी संवाद कायम नहीं किया गया. यह लोकतंत्र में चिंताजनक और दुखद है.

सरकार के खिलाफ कर्मचारियों में बेहद आक्रोश

महासंघ के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सिन्हा और अशोक कुर्रे ने बताया कि, कांग्रेस के कई बड़े नेता के अलावा सरकार के मुखिया के नाते माननीय मुख्यमंत्री महोदय विधानसभा में या अन्य मीडिया माध्यमों में नियमितीकरण की अपनी बात तो कहते हैं आज तक इस पर किसी भी प्रकार का ठोस अमल नहीं किया गया. रथयात्रा के माध्यम से रायपुर तूता में एकत्रित संविदाकर्मी की भीड़ 2024 के चुनाव में छत्तीसगढ़ में किस पार्टी की सरकार बनेगी यह तय करेगी. इस सरकार को सचेत होना चाहिए.

महासंघ के प्रांतीय प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी सूरज सिंह ठाकुर ने कहा कि, विगत साढ़े 04 वर्षों से विभिन्न आवेदन, निवेदन और मुलाकात के माध्यम से सरकार को संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग से अवगत करवाते रहे हैं. सरकार ने इस मांग पर कोई विचार नहीं किया, बल्कि सरकार के द्वारा संवादहीनता की स्थिति बनी हुई हैं. ऐसा लग रहा है मानो सरकार स्वयं संविदा कर्मचारियों को अनिश्चिकालीन आंदोलन के लिए विवश कर रही. छत्तीसगढ़ के 45 हजार संविदा कर्मचारी 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन आंदोलन की राह में होंगे. इनके आंदोलनरत होने से स्वास्थ्य, पंचायत, शिक्षा, महिला बाल विकास विभाग, कृषि विभाग, कलेक्टर कार्यालय आदि में काफी प्रभाव पड़ेगा.

Exit mobile version